“आइना/Mirror”– YMPH DAILY CHALLENGE

01/03/2021 की प्रतियोगिता का विषय है “आइना/Mirror”। हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है

अगर आप भी एक कवि या कहानीकार है और अपनी रचना को पन्नो पर उतारना चाहते है तो हमारा व्हाट्सएप्प ग्रुप अभी जॉइन कीजिये ।

Special Write-up

The Unknown Girl

“आईना”

तू बोल ले झूठ जमाने से
पर मुझसे कब तक छुपायेगा
मैं तो आईना हूं तेरी सच्चाई का
तू कब तक मुझसे दूर जाएगा

हंसता ऐसे हैं
जैसे कोई राज ही नहीं तुझमे
पर जो कोई पढ़ें तुझे
तो वो खुद से ही रूठ जाएगा
तेरे अंदर के भरे सैलाब में
न जाने वो कब तक ठहर पाएगा

दर्द तेरे अंदर भी बसता है
ये बस आईना जानता है
जमाने को तो बस खुद की पड़ी है
तुझमें कहां कोई झांकता है

तू अनजान है
तू तो बस एक ही दुनिया जानता है
पर एक और दुनिया देखती है तेरी नजरें
जो बस आईना जानता है…!!

Insta- the_unknowngirl1408

Gunjan Roy

आईना :
बहुत ही प्यारे शख्स को सामने पाया
जब मेरे सामने आईना आया
दिखलाई उसने मुझे मेरी ही सूरत
खुद से ही मुझे रू-ब-रू करवाया
कौन हूँ मैं वो नहीं जानती
पर कैसी दिखती हूं वो इसने मुझे बताया
जो जैसा है उसके साथ वैसे पेश आना
और अपना व्यक्तित्व हमेशा एक सा रखना
ये इसने मुझे सिखाया
इस मुखौटे भरी ज़िन्दगी में मुस्कुराहट के साथ रहना
क्योंकि आसूं मुझपर अच्छे नहीं लगते
ये इसी ने मुझे बताया
इस दुनिया में सबकी ज़िन्दगी में तकलीफें हैं !
कभी खुशी, कभी गम सब पर बीती है
रोज मिलते है हज़ारों चेहरे मुखौटा पहने
अपनी असलियत को छुपाते हुए
जी रहे हैं बस इस डर में कि
आईने के सूरत की तरह कोई
उनकी सीरत ना पढ़ ले

Ig -gunjan.k.524