“इजाज़त/Permission”– YMPH DAILY CHALLENGE

14/02/2021 की प्रतियोगिता का विषय है “इजाज़त/Permission”। हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है

अगर आप भी एक कवि या कहानीकार है और अपनी रचना को पन्नो पर उतारना चाहते है तो हमारा व्हाट्सएप्प ग्रुप अभी जॉइन कीजिये ।

First

Shabeena Khatoon

“इजाज़त”

कुछ कहना हैं तुमसे…
इजाज़त मिलेगी क्या ?
आंखो में काजल की तरह साजाया था मैंने,
दिल में धड़कन की तरह बसाया था मैंने,
उसी दिल को तोड़ दिया तुमने,
मुझसे कोई ग़लती हुई थी क्या ?

कुछ कहना हैं तुमसे…
इजाज़त मिलेगी क्या ?

सुबह की पहली अज़ान थे तुम,
इस दिल की पहली मुराद थे तुम,
आख़िर! क्यों सब कुछ तबाह कर दिया,
मुझसे कोई शिकायत थी क्या ?

कुछ कहना हैं तुमसे…
इजाज़त मिलेगी क्या ?

मेरी हर महफ़िल में शामिल थे तुम,
मेरे अश्को के दरिया के साहिल थे तुम,
आख़िर! क्यों इतना बदल गए तुम,
मेरी इबादत में कुछ कमी थी क्या ?

कुछ कहना हैं तुमसे…
इजाज़त मिलेगी क्या ?
सच में! बहुत कुछ कहना हैं तुमसे…
इजाज़त मिलेगी क्या ?
instagram i’d:- @heaven_writes_2020

Second

The Unknown Girl

“इजाजत”

कठपुतली हूं मैं
जैसे मर्जी हो नचा लेना
इजाजत तो हमने ही दी थी आपको
जब चाहे हमें रुला लेना

क्या करोगे सुनकर
वो धड़कने जो अब सुनाई देती ही नहीं है
शायद पत्थर बन गई हूं मैं
इसलिए मुझे चोट लगती ही नहीं है

हां तुमसे वफा की उम्मीद थी
इसलिए हक जताने की
इजाजत दी थी तुम्हे
बेवफाई का जीता जागता मूरत निकलोगे तुम
ये उम्मीद हमने कहा की थी

देख सकते थे
हम धोखा तुम्हारी आंखों में
पर इजाजत ना देते तो मालूम ना पड़ता
कि धोखेबाजी में
तुम्हारी कोई हद ही नहीं थी

जा दी तुझे इजाजत
हम से अलग होने की
शुक्र मना हम तेरी तरह ना निकले
वरना तेरी जिंदगी
आज तेरे हाथों में ना होती…!!

Insta- the_unknowngirl1408

Third

Renuka Baldaniya

“इजाज़त”

यूं बग़ैर इजाजत रोजाना आते हो…
मेरे ख्यालों मे आके मुझे ही सताते हो…
हां,तेरा इजाजत लेना जरूरी नहीं..
पर खयालात में रहना जरूरी सही।
वैसे आपके दिल के पास रहना है..
कैसे धड़कता है ये सुनना है..
…..मगर इजाजत हो तो।….
सुना है कि आप शातिर चोर है..
इजाजत के बिना ही दिलचोरी करते है..
अगर वापिस देने का इरादा नहीं…
तो तुम्हे पास रखने कि इजाजत दी।
जब हरपल वो चाहता तुम्हे है…
शायद इसीलिए तेरा होने लगा है…
इजाजत हो तो आपके नाम कर दूं।
इन आंखों कि नमी को यूंही छोड़ दूं….
दिल के हर आहेसास से तेरा नाम जोड़ दू।
यूं कहूं तो खुद को ही तुझे सौंप दू…
मगर इजाजत दो तो
Insta I’d:- renuka_baldaniya

Special Write-up

Meethi Swaraj

इजाज़त __

टूट कर बिखरी हुई हूँ ,
समेट कर एक करने की आपको इजाज़त हैं ।

इन आंखो में अभी थोड़ी सी आँसू और हैं ।

फिर भी आप को हमारा दिल तोड़ने की इजाज़त है ।

थोड़ा और जुल्म कर लेना जब तलक ये दिल खामोश है ।

मैं तो पहले से ही टूटी हूँ ,
लेकिन ;
उम्र के किस्से में अभी थोड़ी सी नादानी और है ।

टूटे-फ़ूटे घर में सहमी सी लङकी,

अभी भी आप के इंतजार में उतनी ही बेकरार है ।।
अभी भी आप के प्यार के लिए उतनी ही बेकरार है ।।

Shilpa Tiwari Bajpai

             कविता

रचना संबंध – इस कविता में मैंने अपने प्रिय से बड़े मनुहार के साथ इजाजत मांगी है, उम्मीद करती हूं पसंद आए 🙏
हो इजाजत तुम्हें देखने की, खो ही तुम में जाऊं ।
पास मेरे आओ जो ,
महसूस तो कर पाऊं ।
क्या मैंने पा लिया है ,
क्या मैंने दे दिया है ,
कुछ एहसास तुझे दिलाऊं । अपने जज्बातों को मै ,
कभी बोल कर के सुनाऊं ।
दो इजाजत कभी मुझको, प्यार क्या है ,
मैं तुझे बताऊं।
क्या मैं सोचती हूं ,
क्या मैं चाहती हूं ,
कभी वह भी कर पाऊं ।
दो इजाजत कभी मुझको,
तो क्या है जीवन तुम्हें बताऊं।

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