17/02/2021 की प्रतियोगिता का विषय है “उम्मीद/Expectation”। हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है
अगर आप भी एक कवि या कहानीकार है और अपनी रचना को पन्नो पर उतारना चाहते है तो हमारा व्हाट्सएप्प ग्रुप अभी जॉइन कीजिये ।
First

The Unknown Girl
“उम्मीद”
नाकाम होने पर भी
जो हिम्मत दे फिर एक बार उठ खड़े होने की
बढ़ते कदम मौत की और
जो जिंदगी की तरफ मोड़ दे
उम्मीद ही तो होती है
जो इंसान को हर हाल में खुश रहने की सीख दे
कभी उम्मीद उन दुआओं में शामिल होकर
अपनों का नाम लेती है
तो कभी उम्मीद
किसी अपने की लौटने के इंतजार में होती है
जब हार जाओ अपनी किस्मत से
और दिख ना रहा हो कोई रास्ता
तब जो हाथ थामें आपका
वो उम्मीद ही तो होती है
उम्मीद खुद से हो या खुदा से इसका होना जरूरी है…!!
Insta- the_unknowngirl1408
Second

Navneet Singh
कहीं खो से गये हो ,
पड़ो तो नज़र में कभी ,
मन लगाय बैठे हैं ,
आ भी जाओ अब उम्मीद जगाय बैठे हैं ..!
ललाट भी अब थिरकने लगता है ,
शिकायत करता है पल पल ,
कि चुम्बन को तुम्हारे जगह बनाय बैठे हैं ,
लौट भी आओ तबसे उम्मीद जगाय बैठे हैं ..!
अगोरना में तुम्हारे ,
धड़कनों का स्वर कंपन में बदल रहा ,
तुम्हारी इस शीतल काया में अब आग जलाय बैठे हैं ,
आ रहे हो न प्रिये ..!
उम्मीद जगाय बैठे हैं !!
Ig-
@nav_singh01627
Third

Anjali Soni
उम्मीद😊
आज इस उम्मीद ने जगाए रखा है
शायद फिर से वह शामे आ जाए ,
हो जाए मुकम्मल मेरा अधूरा सपना
खामोशियों में भी तेरे ही लब्ज दिख जाए ,
तेरी ही उम्मीद ,है तेरी ही आशा
व्याकुलता कह लो, या कह लो जिज्ञासा ,
तेरा दरस है बाकी मेरे नैनो को
हो जाए पूरी वह तृष्णा अधरों की,
ए खुदा बस एक कृपा करो
बस इस उम्मीद को जगाए रखना,
है पूर्ण विश्वास
हो जाएंगी पूरी सारी उम्मीदें
बस उस हमनवा की तदबीर जग जाए….
Ig-
@nandini_9569
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