“एक ख़्वाब/A Dream”– YMPH DAILY CHALLENGE WINNERS POETRY

6/02/2021 की प्रतियोगिता का विषय है “एक ख्वाब” / “A Dream”। हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है

अगर आप भी एक कवि या कहानीकार है और अपनी रचना को पन्नो पर उतारना चाहते है तो हमारा व्हाट्सएप्प ग्रुप अभी जॉइन कीजिये ।

First

Shristi Priyadarshini

“एक ख्वाब”मुठ्ठी से खोला है मैंने
और नींद की आंखें जगाईं हैं
अब कहाँ तक उड़ेगा ख्वाब जाने
मैंने उम्मीद की पलकें उठाईं हैं

पर किसी से लिये हैं उसने या
खुद ही उसने पंख उगाए हैं
वो ज़मीं पे रहने वाला कहाँ है
उसने घर अपने क्षितिज में बताए हैं,
रह जाए वो यहीं कहीं मुझ तक
मैंने दरिया पर चाँदनी बिछाईं हैं,

अब कहाँ तक उड़ेगा ख्वाब जाने
मैंने उम्मीद की पलकें उठाईं हैं,

मैं जो उससे इरादे अपने कह दूँ
वो नादां क्यूँ सहम सी जाती है,
वो पूंछती है ऐसे कई सवालों को
उसका मुझ पर वहम सा जाता है,
उसको ही बंद कर के आंखों में
न जाने कितनी रातें बिताईं हैं,

अब कहाँ तक उड़ेगा ख्वाब जाने
मैंने उम्मीद की पलकें उठाईं है..❣️

Second

Disha

ख्वाबों का ये कारवाँ
हे सारे जहाँ से जुदा
दुनिया की रस्मे-बंदिशे-कायदे
इनसे कभी न रहा इन ख्वाबों का वास्ता ।

कभी खुली आँखों से
तो पलकों के मिचने पर कभी
शुरू हो जाता हे इन ख्वाबों का सफर बस वही ।

इस सफर की मुसाफिर मैं वही हु
जिसको अज़ादी से जीने कि अज़ादी
बस इन ख्वाबों ने दी है
उसको अपना मान ने की इजाज़त भी
इन्हीं ख़्वाबों से मिली हैं ।।

रूठूँ जो उससे कभी
तो मनाता वो यही हे
प्यार जो आये कभी
तो इज़हार के गवाह भी यही हे।

असल ज़िन्दगी से परे
ये मेरे ख़्वाबों की अपनी दुनिया है
यहाँ बेखौफ में उसकी
और वो मेरा हुआ है ।।

©Bhasha
Ig-Khamoshiyonkibhasha

Third

Niharika Chauhan

ख़्वाब है मेरा के तेरे ख्वाबों में आऊं ….
ख्वाबों में आकर तुझे सीने से लगाऊ…..
तेरी लंबी घनी जुल्फो को तेरी आंखो से हटाऊ….
जी करता है सजदे में तेरे आज दस्तरखान बिछाऊ….
ख़्वाब में तेरे अगर में आऊं

खुशियां सारी बिछा के तेरे आंगन में ,गम के बादल पी जाऊ ….
ज़िक्र तेरा जहा जहा हो हाज़िर में वहां वहां हो जाऊ….
खुलते ही आंख हर सुबह तुझे सेराने पाऊ…..
पल भर में पूरी ज़िन्दगी तेरे संग जी जाऊ ….
ख़्वाबों में अगर तेरे आऊं…

मुझे मालूम है ख्वाब अधूरे हैं और ख्वाइश भी
मगर जीने के लिए हर ख्वाब मुकामल होने की आस जरूरी है….
Ig- It’s_ nihu_

Special Write-up

Shivangi Jain

एक ख्वाब –

कल रात मुझे एक ख्वाब आया था
मैंने उनके लिए कुछ सुनाया था
मेरे अल्फाज सुनकर उनके लब मुस्कुरा रहे थे
ऐसा मुझे संदेशा आया था
ना जाने कैसी तलब है उन्हें देखने की
पर यह दिल बगावत करने को तैयार नहीं
इजहार क्यों नहीं हो पा रहा है मुझसे
शायद उन पर मेरा इख्तियार नहीं
शायद उन्होंने ही मुझे ये एहसास दिलाया था
क्या होता है इजहार यह करके हक जताया था
शायद यह वह है जिनके लिए पहली बार मैंने कुछ गुनगुनाया था
शायद उन्होंने ही मुझे ” एक ख्वाब ” से तालुकात करवाया था

लोग पढ़ने लगे मेरे चेहरे को शायद
इश्क करके बना दिया मेरा चेहरा जैसे एक किताब
खुली मेरी नींद तो जाना ये हकीकत नहीं बस था सिर्फ एक ख्वाब
बस” एक ख्वाब”

Ig-Zindagi gulzar hai 1188

Muskan

ख्वाब :

कई ख्वाब देखे है इन आँखों ने,
कभी खुद को आसमान में सजाया इन ख्वाबों ने,
कभी खुद के सुकून भरे पल ढुंढ़ता नजर आया ये ख्वाबों मे।
कई ख्वाब देखे है इन आँखों ने,
कुछ जुड़ते तो ज्यादातर टुटते,
कुछ मिलते हकीकत से,
तो ज्यादातर स्वपनय दुनिया में ही छूटते।
कई ख्वाब देखते है ये आँखें आज भी,
जिनकी मिलती नही इजाजत हकीकत में,
उन्हें मुकद्दर अपना बना खुश हो लेते है ख्वाबों में ही।

Ig- confused_yaara

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