“ठंडी आह/Winner of Sigh”– YMPH DAILY CHALLENGE

19/04/2021 की प्रतियोगिता का विषय है “ठंडी आह/Winner of Sigh”। हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है

अगर आप भी एक कवि या कहानीकार है और अपनी रचना को पन्नो पर उतारना चाहते है तो हमारा व्हाट्सएप्प ग्रुप अभी जॉइन कीजिये ।

First

Smriti Mishra

🌺ठंडी आह🌺

         हरदम तेरा करना
          वो मेरी परवाह

कुछ अलग अंदाज दिखाता है
कितना भी रहु दूर तुझसे
तेरे करीब ले आता है।

तेरी हर वो अदा
मुझे तेरा दिवाना बना जाती है
एक ठंडी आह भी तेरी
मेरे चेहरे पर मुस्कान ले आती है

कुछ और ना रहा जिंदगी में
तेरे सिवा चाह
चल मेरे साथ चल और आसान कर दे
जिंदगी कि सारी राह
देख ले एक बार फिर से मुझे
लेके वो ठंडी आह…………..

Instagram: – mishrasmriti26

Second

Sweta Roy

ठंडी आह


जब भी जीवन में हार जाओ
ठंडी आह भरो और मुस्कुराओ
हारना जीतना जीवन में चलता रहता है
कोई जीत जाता है तो कोई हार जाता
है
हर हार में ग़र मायूस हो गए
तो जीत का आनंद खो दोगे तुम
और जीत में ग़र मगरूर बन गए तुम
सारी कामयाबी के डगर खो दोगे तुम

जीवन कई रूप लेकर आता है
कई कठिनाईयों के काले बादल
कई बार जीवन में छा जाता है
इन बादलों को लगता है छंटने में
समय
उजला प्रकाश एक न एकदिन सकुन
का आता है

हर हार से सीखो जीवन में आगे बढ़ना
न थकना,आगे निरंतर बढ़ना
हर कमजोरी को खुद का ताकत बनाओ
ठंडी आह भरो और मुस्कुराओ
कल तेरा भी अच्छा आऐगा
आज विफल तो कल सफल तू जरूर
कहलाऐगा।

Insta ID-roys17924

Third

Savita Sawasia

🥀ठंडी आह🥀

बहुत रूहानी है
तुझे पाने की चाह
दिल ने मेरे भरी
एक ठंडी आह….

एक तेरे सिवा भला कौन समझे कैफ़ियत मेरी,
ज़हन में मेरे बस गई है शख़्सियत तेरी,
आ मेरे क़रीब,
करूँ मैं तुझको बयां अपनी ज़ुबानी,
तू बन जा मेरा नग़मा मैं तेरी रागिनी,

तेरे दीदार की आँखों ने की है चाह,
दिल ने मेरे भरी एक ठंडी आह…..

है संगदिल तू बहुत ए मेरे सनम,
सहरा में है तू मेरे लिए जैसे शबनम,
है गुलिस्तां तू मेरी जिंदगानी का,
रिश्ता है तेरा मेरा कुछ रूहानी सा,

तुझसे गुफ़्तगू की मन में लिए चाह,
दिल ने मेरे भरी एक ठंडी आह…..

इत्तेफ़ाक़ से ए-हमदम तू मेरी ज़िंदगी में आया,
है लाज़मी मैं बनूँ तेरा साया,
तेरे नाम की हिना का रंग,मेरे हाथों में गहराया
तेरी मोहब्बत का सुरूर मुझ पर है छाया,

तेरी चाहत में डूब जाने की, मन मे लिए चाह,
दिल ने मेरे भरी एक ठंडी आह…..

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