“दर्द/Pain”– YMPH DAILY CHALLENGE

08/03/2021 की प्रतियोगिता का विषय है “दर्द/Pain”। हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है

अगर आप भी एक कवि या कहानीकार है और अपनी रचना को पन्नो पर उतारना चाहते है तो हमारा व्हाट्सएप्प ग्रुप अभी जॉइन कीजिये ।

First

Rupam

“दर्द ” मोहब्बत का:-

तुम्हारी कांपती नजरों में छुपे दर्द का हर फ़साना याद है।
मुझे आज भी तेरा अंतिम बार मुझसे मिलने आना याद है।।
ना कुछ कह पाने के हालात में हम थे।
और ना कुछ सुन पाने के हालात में तुम थे।
दर्द के उस आलम में नजरों ने जो एक दूसरे से कहा, हर वो अफसाना याद है।
मुझे आज भी तेरा अंतिम बार मुझसे मिलने आना याद है। ।
अब सोचती हूं तो लगता है, कितनी खूबसूरत सफर पे हम थे।
पर क्या पता था एक दूसरे को जुदाई का दर्द दे जाएंगे।
इतनी अलग- अलग हो जाएंगी राहें अपनी एक दूसरे से कभी मिल ना पाएंगे। ।
वो लम्हे ,वो शामें और तुम्हारा दिया हुआ हर नजराना याद है।
मुझे आज भी तेरा अंतिम बार मुझसे मिलने आना याद है। ।
मैं अक्सर तेरी बातों की कशिश में डूब जाया करती थी।
तुम्हारे साथ जिंदगी बिताने की हसीन सपने बुना करती थी।
याद करके उन खूबसूरत पलों को आंखों का भर जाना याद है।
मुझे आज भी तेरा अंतिम बार मुझसे मिलने आना याद है। ।
होंगी जरूर तुम्हारी भी कुछ मजबूरियां कि जिस कारण हम मिल ना सके।
सच कहती हूं तेरे जाने के बाद एक पल भी हम खुलकर जी न सकें। ।।
तुम्हारी वो रूहानी मोहब्बत और दिल का हर तराना याद है।
मुझे आज भी तेरा वो अंतिम बार मुझसे मिलने आना याद है। ।

Second

Shreya Sinha

वो पल मेरे लिए बहुत खास था,
जिसमें तेरे होने का एहसास था,
मुस्कुराहट से हर दर्द को छुपाया था,
तेरे फरेब को दिल खोल के अपनाया था,
तु हर बात पर मुझसे खफा था,
अब वफ़ा की बात मत कर तु तो बेवफ़ा था,
तुझे छोड़ते वक़्त याद बहुत कुछ आया था,
कैसे तूने मेरे प्यार को ठुकराया था,
मेरी हर साँस टूटती जा रही थी,
तु आ जाए वापिस ये कहना चाह रही थी,
मैं टूट के बिखर चुकी थी,
क्या करूँ ये बात मुझे समझ नहीं आ रही थी,
खैर तुझे कहाँ मेरे दर्द का एहसास था!
तेरा वक़्त तेरा प्यार अब किसी और के पास था,
मेरी कसमें तु झूठी खाता था,
तु मुझे जीते जी मारना चाहता था,
जो साथ तु कभी मेरे चला करता था,
अब तेरा साथ किसी और के पास था,
खैर तुझे कहाँ मेरे दर्द का एहसास था,
न जाने कितनी यादें समेटे हुए थे,
पर तेरे लिए वो हमारे साथ बिताए पल अनचाहे थे,
हम तेरे दीवाने बन चुके थे,
पर तु किसी और के प्यार में पागल हो चुका था,
खैर तुझे कहाँ मेरे दर्द का एहसास था!
जाना हम तुझे ज़रूर बताना चाहते थे,
कि हम तुझे कितना चाहते थे,
पर तु किसी और को सीने से लगा रहा था,
तूने बताया नहीं पर तु किसी और का होता जा रहा था,
खैर तुझे कहाँ मेरे दर्द का एहसास था!

Third

The Unknown Girl

“दर्द”

दर्द का एहसास
हमें खुशी से ज्यादा होता है
क्योंकि खुशी हम सब से बांट सकते हैं
पर दर्द ये सबसे छुपकर रहता है,,

यादों के साए में
ये हमें बहुत तड़पाता है
खून के आंसू दिल को रुला कर
मामूली सा दर्द कहलाता है,,

रोना चाहो
तो भी खामोश रहते हो
दर्द को अपना बताकर
खुशियों को बेगाना कहते हो,,

इश्क में भी इसका जिक्र होता है
दोस्ती में भी इसका जिक्र होता है
हर रिश्ते से वाकिफ है ये
गर बच जाए कोई रिश्ता इससे
तो वो खुदा की देन होता है…!!

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