“दिखावा/Pretense”– YMPH DAILY CHALLENGE

27/02/2021 की प्रतियोगिता का विषय है “दिखावा/Pretense”। हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है

अगर आप भी एक कवि या कहानीकार है और अपनी रचना को पन्नो पर उतारना चाहते है तो हमारा व्हाट्सएप्प ग्रुप अभी जॉइन कीजिये ।

First

Shabeena Khatoon

समाज के कुछ रूप:-
“दिखावा”

आए दिन, देश की बेटी की बलि चढ़ती हैं;
कहीं, पिता की आंखे रोती हैं;
तो कहीं, मां की रूह तड़पती हैं;
इतना होने के बाद भी,
मुल्क के बादशाहों की नींद नहीं खुलती हैं,
तो देशवासियों की रक्षा करने का दिखावा क्यों?

महंगाई कम होगी,शिक्षा अच्छी होगी,
स्वास्थ्य क्षेत्र मे सुधार होगा,
बहू-बेटी सुरक्षित रहेंगी,नई नई सुविधाएं मिलेंगी,
और भी न जाने कितनी बातें,
लेकिन जब पूरे ही नहीं कर पाते वादे,
तो गरीबों से सहानुभूति और मदद करने का दिखावा क्यों?

जब पता हैं कि,
रगों में बहते खून का रंग लाल हैं,
हमारा भारत भी एकता की मिसाल हैं,
तो जात पात का भेद क्यों?
और अगर थामा ही हैं, जात पात का थाल,
तो देश के ज़िम्मेदार नागरिक होने का दिखावा क्यों?

Instagram I’d:- @heaven_writes_2020

Second

The Unknown Girl

“दिखावा”

तुझ पर विश्वास किया
सारा कारोबार तेरे नाम किया
वाह! कितना अच्छा दिखावा था तेरा
तूने तो मां-बाप को ही बदनाम किया

वो मांगते रहे दो वक्त का खाना तुझसे
और तू भंडारों में कमाने नाम गया
दानी का दिखावा लोगों के सामने
अपनों को भूखा पेट ही मार दिया

वो लाचार तेरे कदमों में गिर जाते
तूने इतना उनको सम्मान दिया
ना करता दिखावा दरियादिली होने का
कम से कम उनके बड़े होने का लिहाज तो किया होता

एक दिखावा आज तू करता है
उन्हें दो रोटी खिलाकर
और एक दिखावा कल वो करते थे
तुझे अपना खाली पेट भरा बता कर…!!

Insta- the_unknowngirl1408

Third

Suman Kanwar

दिखावा
1.माता- पिता– संसकारो और इज्जत का घोल पिला 2 कर बड़ा करते हैं

  1. भाई-बहन– मै तेरे साथ हू बोलने वाले बहन की शादी के बाद उसके माईके से वापस ससुराल जाने का इन्तजार करते हैं
  2. शिक्षक- सच का पाठ पढ़ाते है जबकि सच कही काम नही आता सच बोलने वाले को पागल समझते हैं यहाँ तक की सिखाने वाले खुद कभी सच नहीं बोलते.
    4.प्यार (लडका या लड़की) -1000 वादे प्यार के नाम पर जिनको प्यार का मतलब तक पता नहीं होता मतलब निकलते ही रास्ते बदल लेते हैं
  3. बूढ़े होने पर- हमनें बच्चों की अच्छी परवरिश की है ये हमारा सहारा बनेंगे
  4. मोत- तुमने पुरी जिंदगी जो दिखावे में गुजार दि उन सबका परिणाम आखिर में मैं(मोत) है
    इसलिए अच्छा होगा कि जेसा हम दिखावा करते हैं वेसा ना करके असलियत दिखाऐ सबको
    ताकि पहचानना आसान हो जाऐ.

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