18/04/2021 की प्रतियोगिता का विषय है “रामनवमी/Ramnavmi”। हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है
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First
Anjali Soni
रामनवमी🙏
चलिए ले चलते हैं आपको त्रेता युग में
जहां दशरथ पुत्र राम का जन्म हुआ ,
नवमी थी वह चैत्र मास की
वह जन्म-रात्रि भी बहुत खास थी,
जो नगरी अयोध्या नगरी नाम से विख्यात थी
पूरे विश्व में बस रामनगर की ख्याति थी ,
था वह बचपन जब बालपन में राम ने
अनगिनत अस्त्र-शस्त्र शक्तियां पाई थी ,
किया था जिसने ताड़का का वध
अहिल्या जिसके स्पर्श से श्राप से मुक्ति पाई थी ,
लक्ष्मण राम सह रह विश्वामित्र के
सर्वगुण निपुण हो गए थे तब ,
सिया स्वयंवर ले गए विश्वामित्र जब
सीताराम ब्याह रचा इतिहास में तब ,
हुआ घोर अनर्थ जब पुत्र मोह में कैकई ने
राम को वनवास देने का प्रस्ताव किया,
पितृ आज्ञा स्वरूप तब श्री राम ने
हंसते-हंसते यह भी स्वीकार किया ,
सीता राम लक्ष्मण चित्रकूट मे थे जब
भिखारी बन सीता हरण रावण ने किया तब ,
हुआ मिलन तब हनुमान का सीता माता खातिर
सात समंदर पार किए सीता मां को ढूंढ लिया आखिर ,
टंकार गूँजी युद्ध की ,जब रावण ने सीता को देने से किया मना
युद्ध ठान लिया राम ने ,पर विकट हो गया सात समंदर घना ,
इस पर हनुमान ने पत्थर पर राम अंकित कर बनाया सेतु
युद्ध जीतने की प्रार्थना की, सीता माँ को वापस लाने हेतु ,
कल-कल निनाद ,शंखनाद, युद्ध शुरू हुआ
रावण मरण ,राम विजय और युद्ध समापन हुआ,
पुष्पक विमान ले तब राम चले अयोध्या की ओर
नगर वासियों ने जय माल से, दीपमाला से सजा दिया हर छोर,
फूले न समाए भरत, किया राजतिलक राम का
गद्दी दे दी राम को ,अयोध्या में गूंज रहा नाम राम का,
इस दिन के उपलक्ष में ,राम का विख्यात हुआ साहस
रामजन्म को रामनवमी का ,मिल गया इतिहास,
रामनवमी को राम की होती है पूजा अर्चना
राम पूजन से भक्तों की पूरी होती है हर कामना ।
जय श्री राम
@nandini_9569
Second
Savita Sawasia
रामनवमी
श्री राम,
मर्यादा पुरूषोत्तम जो कहलाते हैं
दशरथ के राज-दुलारे,
माता कौशल्या की आँखों की तारे हैं…
चैत्र शुक्ल नवमी को ,
जन्म लिया श्री राम ने
रामनवमी नाम से मनाया त्योंहार,
तब सम्पूर्ण संसार ने….
जनक-सुता के तारण हारे
भक्त जनों के हैं रखवारे
हैं विष्णु भगवान के सातवें अवतार
सादर नमन चरणों में आपके
श्री राम सरकार…….
पिता के वचन की ख़ातिर
महलों का भी त्याग किया
सीता और लक्ष्मण संग
चौदह वर्ष वनवास लिया….
कठिन तपस्या की तीनों ने
राक्षस राज का अंत किया
अयोध्या जब लौटे तीनों तो
दीप जला चहुं ओर ,
सबने स्वागत सत्कार किया….
श्री राम के जीवन चरित्र से
मिलता हमें है यह ज्ञान
हो चाहे कठिन कितनी भी राह
कर्तव्य का रहे सदा तुमको ध्यान…
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