“लफ्जो से सजा/Decorated with Words”– YMPH DAILY CHALLENGE

12/04/2021 की प्रतियोगिता का विषय है “लफ्जों से सजा/Decorated with Words”। हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है

अगर आप भी एक कवि या कहानीकार है और अपनी रचना को पन्नो पर उतारना चाहते है तो हमारा व्हाट्सएप्प ग्रुप अभी जॉइन कीजिये ।

First

Anjali Soni

लफ्ज़ों से सजा

दिल में शोख़ियों से भरे अरमान हैं मगर
जुबां से बयां की नहीं जा सकती,
दिल में गीत सजे हैं प्यार के मगर
कोरे पन्नों पर लफ्जों से सजा नहीं सकती ।
तेरे प्यार का कतरा-कतरा मोती-सा है
टूट कर उसे बिखरा नहीं सकती,
तारों के शहर – सा है मेरा जहाँ
उसे यूँ सब पर कुर्बान नहीं कर सकती ।
जन्नत से कम नहीं है साथिया! साथ तेरा
यूँ लफ्ज़ों से सजा कर बाँध नहीं सकती,
हमारे दरमियाँ जुदाई,मैं बर्दाश्त नहीं कर सकती
तेरी यादें,वो ख़ुशनुमा बातें मैं भुला नहीं सकती ।
तुझे तो शौक है मेरा आशियाना जलाने का
उस आशियाने पर बिन तेरे,कदम बढ़ा नहीं सकती,
टूट कर शीशे-सी बिखर गई होती अब तक
तेरी पनाह को दिल से ठुकरा नहीं सकती ।
तेरे प्यार के जो निशां हैं मेरे दिल पर
उसे तो दुनिया भी नहीं मिटा सकती,
तुझसे अब भी उतनी ही मोहब्बत है ओ माही !
मगर चाह कर भी लफ्ज़ों से सजा नहीं सकती
सजा नहीं सकती ।…

@nandini_9569

Second

Sara Tendulkar

Decorated With Words-

What if, instead of reading through books,
We looked up and read through skies?
Skies decorated with words like brooks,
Fullstops would be those butterflies.

I would lay down on the grass,
And yell the name of what I want to read,
From the air, a leaf would surpass,
And on the sky would be the words I need.

Then I wouldn’t even mind the sunburn,
I wouldn’t even mind who’s dead,
I’ll be engrossed in the story’s twist and turn,
If you disturb me, I’ll hit you with a French bread.

When it would be night,
The stars would twinkle,
Words would turn white,
Ah, that’s better than kindle.

The words would arrange themselves,
According to the constellations.
When I’d reach the last word,
They’ll display ‘congratulations’.

Third

Krishnpal Singh Shaktawat

लफ्जों से सजा

लफ्जों से सजा आशियाँ
बिखेरो तुम इसमे खुशियां
बनाओ सपनो का जहा
रहे वहा मिठास हरपल सदा
महकाओ घर आँगन की व्यथा
रंग- रूप रहे लफ्जो के लहमे का
मर्यादित बोल रहे शब्दों में
लफ्जो की सजावट करो रिश्तों में
वाकिफ हो असभ्य लोग
सहमे है अभी भी सभ्य लोग
शब्दों का कहना ठीक करो
वाक्य हर सटीक कहो
जिससे आती लफ्जो की अदाकारी
उदारता में वह सबसे भारी।।

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