वक़्त ठहरा रहा – YMPH DAILY CHALLENGE WINNERS POETRY

06/12/2020 की प्रतियोगिता का विषय है “वक़्त ठहरा रहा”। हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है ।

अगर आप भी एक कवि या कहानीकार है और अपनी रचना को पन्नो पर उतारना चाहते है तो हमारा व्हाट्सएप्प ग्रुप अभी जॉइन कीजिये ।

YMPH DAILY CHALLENGE के आज के विजेताओं की कविता को पढ़िए ।

FirstDivya_saxena
SecondAnjali soni
SecondChenthura Parameshwari B.
ThirdShahina Ayaz
Special WriteupNeha tripathi

Divya_saxena Writeup – वक़्त ठहरा रहा

वक्त ठहरा रहा, और ये ज़िंदगी गुजरती रही,
कभी खुशी कभी गमों से रंग में ढलती रही…
जो मिले उन्हें हंसकर गले से लगाया,
तो बिछड़ने पर आंसुओं की लड़ी भी लगी रही…
लोग ज़िन्दगी में आए और सबक देकर चले गए,
ये घड़ी बेशर्म थी, ठहरी होकर भी आगे बढ़ती रही…

Written by – Divya Saxena

Anjali soni Writeup – वक़्त ठहरा रहा

जमी रुक गई यह आसमा’ ,
ना जाने कैसे बन गया वह समा’ ,
यह सांसे थम सी गई ,
कुछ यू’ देखा उसने मुझे,
मैं स्थिरता से उसे देखती रही,
और
वक्त ठहरा रहा, ठहरा रहा !

Written by – Anjali Soni

Chenthura Parameshwari B. Writeup – वक़्त ठहरा रहा

From the first heartbeat,
To the first innate emotions,
From the first kick in the womb,
To the first cry at birth,
This period of freezed time,
Is an enigma imposed by the Soul.

Written by – Chenthura Parameshwari B.

Shahina Ayaz Writeup – वक़्त ठहरा रहा

वक्त ठहरा रहा और जाने कितने फसाने बन गए ।
हम तुम्हारे और तुम हमारे बन गए ।
एक दूसरे की आगोंश में हमारे ठिकाने बन गए।
हमारी कु़रबतों के गवाह चांद तारे बन गए ।
जुस्तजू में जिस मुहब्बत की गुज़ारी थी जि़ंंदंगी ,
तुम वैसी ही मुहब्बत के सरताज बन गए ।
जिससे होती है जि़दंगी रौशन हर दम
ए नूर ! तुम उस शाह़ीन की निगाहों का नूर बन गए ।
वक्त ठहरा रहा…..

Written by – Shahina Ayaz

Neha tripathi Writeup – वक़्त ठहरा रहा

नहीं मंजूर किस्मत को जीवनपर्यंत हमारा संग न रहा ,
तेरी यादों का हर क्षण मुझपे पहरा रहा ।
तुम तो चली गई मुझसे इतनी दूर,
लेकिन तेरे अहसासों का जख़्म काफी गहरा रहा।
गुजरे दिन,महीने,साल बढ़ चली जिंदगी की ट्रेन,फिर भी लगता है
तेरे साथ बीते पलों के सफर का वक्त ठहरा रहा……।

Written by – Neha tripathi

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