“समय/Time”– YMPH DAILY CHALLENGE

26/02/2021 की प्रतियोगिता का विषय है “समय/Time”। हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है

अगर आप भी एक कवि या कहानीकार है और अपनी रचना को पन्नो पर उतारना चाहते है तो हमारा व्हाट्सएप्प ग्रुप अभी जॉइन कीजिये ।

First

Shreya Sinha

समय के बारे में कुछ कह नहीं सकते बड़े कहते हैं कि वक़्त के साथ हर जख्म, हर घाव भर जाता है मै भी इंतजार कर रही हूँ अपने जख्मों के भरने का, अपने हर एक दर्द से बाहर निकलने का, अपने दर्द को बयाँ करने का, सोचती हूँ कि काश उस वक़्त ये न किया होता तो आज इतनी तकलीफ नहीं होती, पर बहुत कुछ सीखा भी है मैने, खुद को निखारा भी है मैने, खुद को सँवारा भी है मैंने हाँ एक फैसला उस समय का गलत जरूर था जिसका पछतावा मुझे ता उम्र रहेगा कभी सोचा भी नहीं था जिसके साथ ढेरों सपने देखे थे वो सपने इतनी जल्दी टूटेंगे, खैर आज भी मुझे उस समय का इंतेजार है जब मैं अपने हर दर्द से बाहर निकलूँगी!

Second

Julekha Yasmin Ali

Samay hota hai bada balwan
Nahi Hoti hai ish ki koi pehchan
Jo samay ko pehchan jata hai
Puri duniyame jai jai kaar ushika hota hai…

Samayse age chalna jaldbaazi hota hai
Samayse pichhe chalna bewakufi hota hai
Magar samay k saath saath chalna samajhdaari hota hai…

Ishi samay ne ache achon ko apna keemat bata Diya hai

Jo samay ki kadar na kare
Samay ne ushe rula diya hai
Aur jo samay ki kadar kare
Samy ne ushe hansa dya hai

Samayse badh kar koi insaan nahi
Samayse badh kar koi ilaaj nahi
Aap apne aaj per itna mat itraao
Samayse badh kar koi jawaab nahi…

Third

Suman Kanwar

Time(समय)
समय की सच्चाई एक औरत के लिए
कल भी एक औरत को सिर्फ वस्तु समझा जाता था और आज भी समझा जाता है और भविष्य में भी समझा जाएगा
आज भी चरित्र का प्रमाण पत्र एक औरत को ही दिया जाता है
कल भी एक औरत को ही दिया जाता था और भविष्य में भी एक औरत को ही दिया जाएगा
कयोकि दूनिया पुरूष परधान है
तो पुरुष को चरित्र परमाण पत्र नहीं दिया जाता हैं एक औरत शादी से पहले शारीरिक संबंध बनाए तो वो चरित्रहीन कल भी बताई जाती थी और आज भी और भविष्य में भी बताई जायेगी
लेकिन पुरुष कोई भी कही भी कभी भी शारीरिक संबंध बनाए तो भी वो साफ चरित्र हीन नहीं कहलाता
समय का समझ नही आता कि
औरतों के लिए कब बदलेगा
सच्चाई है इसलिए सबको बुरी लगेगी😊

Special Write-up

मृदुल शुक्ल (मृदुल मन)

समय

न करता है वो ईतजार, न करता है वो ऐतबार
न कोई मंजिल है, फिर भी चलतै ही रहता है।

समय पर सूरज निकले,निकले समय पर चांद
तब जाकर मानव केलिए बने दिन और रात ।

कुदरत भी पाबंद समयकी,है पाबंद ईनसान
जींदगी भी पाबंद समयकी,चले समय के साथ।

काश कर शकते कैद समयको,तो कुछ कर पाता,
बर्बाद न करो समय,गुजरा जो वापस नही आता

कदर करो समयकी जो पाना है जीवन आनंद ।
मृदुल मन कहता है की लडते रहो समय से आज
परिस्थितीसे जुझकर आगे बढो करो जीवन सफल

Instagram: mrudul_shukla

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