13/01/2021 की प्रतियोगिता का विषय है “ग़म भुलाने के लिए/To Forget the Sorrow”। हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है
अगर आप भी एक कवि या कहानीकार है और अपनी रचना को पन्नो पर उतारना चाहते है तो हमारा व्हाट्सएप्प ग्रुप अभी जॉइन कीजिये ।
First
Shivendra Pratap Singh
यूं तो पैमाने शराब के,
मुझे आते नहीं ,
हर वक्त जाम को,
होंठो से लगाते नहीं,
पीनी पड़ती है कभी,
किसी के गम भुलाने के लिए,
मिले है जो दर्द उनपे,
एक मरहम सा लगाने के लिए,
कुछ हसीन पल जो,कभी थे जिंदगी में,
पीनी पड़ती है,
हर उस पल को भुलाने के लिए,
वसी थी जो दिल की हर धड़कन में,
बना उसे हवा का एक झोंका,
इन सांसों की तरह निकालने के लिए,
पीता नहीं हूं शराब पर,
पीनी पड़ती है, उसे भुलाने के लिए,
कभी मयखाने से मै वाकिफ ना था,
अब एक लोग चाहिए है होते,
मुझे घर लाने के लिए,
पीता नहीं हूं शराब पर,
पीनी पड़ती है गम भुलाने के लिए,
Ig-@shivasinghksh
Zeenat
ग़म भुलाने के लिए…
ग़म भुलाने के लिए मुझे सिर्फ तू चाहिए
तेरी अच्छाईयों से लिपटी तेरी रूह चाहिए..
उदासी बहुत है ज़िन्दगी में,
तेरी आँखों के सागर में डूबके मुझे सुकून चाहिए…
खुद की महक को भूलकर, तेरी खुशबू चाहिए…
तेरे हाथों की लकीरों में, मुझे मेरा घर चाहिए..
दुआएं मांगनी है मुझे, इसलिए मुझे तेरा दर चाहिए…
तेरे मुस्कुराने पे जो मिलता है, वो जूनून चाहिए..
अपनी उदासी मिटाने के लिए, मुझे तेरा सुरूर चाहिए..
अपने गमो को भुलाने के लिए,
मुझे सिर्फ और सिर्फ तू चाहिए…
Ig-@al.fi7709
Second
Govind Sharma
कोशिश है ऐसी उसकी यादें भुलाने को
दिन बिताते हैं मयखानों में अपना दर्द मिटाने को
कर दिया है दूर हर निशानी को उसकी
मुशक़्क़तें बहुत है उसकी यादें मिटाने को
यारों ने भी दी है नसीहतें तमाम उससे दूर जाने को
अब तो जैम ही है साथी ये रातें बिताने को
तौफे जो दिए उसने बो भी सारे जला दिए
अब और क्या करें उसकी यादें मिटाने को
कमबख्त ये यादें भी मानती ही नही
हर शाम आ जाती है हमे तड़पने को
Third
Manish ladiya
मेरी सोहबत में कभी बैठकर तो देखो।
हमारी तरह रातो में जागकर तो देखो।
सितमगर हो तुम मगर आँसू आजायेंगे,
इस आशिक़ का जनाजा उठाकर तो देखो।
फ़क्र करना भी क्या गुमान होता है,
थोड़ा खुदको बफादार बनाकर तो देखो।
तुम क्या जानो हम पर क्या गुजरी है,
एक बार टूटे पत्तों से मिलकर तो देखो।
गम भुलाने के लिए बहुत कुछ किया खैर,
तुम कभी गम को सीने से लगाकर तो देखो
Insta:@manis_ladiya
Special Write up
Avijit Basu Roy
Forget the Sorrow
It was only sorrow that remained,
After love was dead.
Filling up the hollows,
Embedded in the trenches.
It didn’t die,
But grew stronger,
And Engendered fond memories,
Memories enkindled lost love.
Pain is but a blessing after all,
It’s because of pains, love never dies.
Ig-bravijit@khamkhyali