मां का जीवन
मां के जीवन में ही मां का क्रिया कर्म कर दिया । बेगरज प्यार का सबूत मांग कर मां की ममता को शर्मसार कर दिया। मां तो मां है दुआ देगी, सुख दुख दोनों में, इतना पराया कर दिया औलाद ओ ने, मां की ममता उसके प्यार को ,मां की ममता उसके मूल को, कौड़ी के भाव में गिरा दिया। खुद अंगारों में चलकर, बच्चों को कलेजे से चिपकाए ठंडक देती रही मां। मां की फोटो पर माला चढ़ा कर, रवीर पूरी फोटो के आगे रखकर। मां से कभी मीठे ना बोल, बोल कर, मिस यू मां कह कर दो आंसू बहा लिया। चुका दिया मां की ममता का कर्ज, क्या सच मां की ममता का कर्ज चुका गया।
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