24/12/2020 की प्रतियोगिता का विषय “रिश्तों में न बांधो” / “Don’t Tie in Relationship” है । हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है|अगर आप भी एक कवि या कहानीकार है और अपनी रचना को पन्नो पर उतारना चाहते है तो हमारा व्हाट्सएप्प ग्रुप अभी जॉइन कीजिये ।
Today’s Challenge(“रिश्तों में न बांधो” / “Don’t Tie in Relationship”) Winners 🏆
First🥇
Written By Khushi Tank
अभी तो कोख से बाहर आयी हूँ,
और समाज ने बाँध दिया बंदिशो में,
अभी तो चलना भी नहीं सिखा,
और बाँध दी बेड़िया अपनो ने,
अभी तो ख्वाबो का मतलब ही समझा था,
और लगा दी लगाम गेरो ने,
हे मानव, समझ ना सको गम को मेरे,
तो और दर्द ना दो,
घुट जायेंगे मेरे प्राण,
तुम्हारी नज़रों में उठते- उठते,
कभी देवी तो कभी कली,
थक चुकी है मेरी चीखें कहते- कहते की,
मुझे यूँ बेमतलब के रिश्तों में ना बांधो।
Insta Id- Kia__2000
Second🥈
Written by Lovely Arya
नाजुक होते हैं ये बड़े, बनाने में बहुत पर टूटने में देर नहीं लगती,
नए जुड़ते जैसे ही, पुराने टूटने में देर नही लगती ।
जिम्मेदारी नही जो बोझ समझी जाए,
साफ दिल से बस निभाना आना चाहिए,
डोर हैं ये इसे बांधना आना चाहिए ।
डोर तो समझ ली सबने पर गाँठ बनती जा रही,
सुलझाया कहाँ इसे, अहमियत खत्म होतीं जा रहीं।
एक सीधा सा धागा था, अब उलझता जा रहा,
दूसरा सिरा कोई कैसे पकड़े, यहाँ अपना ही, खोता जा रहा ।
ज्यादा ना दिल की ना दिमाग की सुनो,
बस समझदारी से काम लेना चाहिए,
उलझे तो सुलझा लो इसे, ना की
इसमे ख़ुद उलझ बंध जाओ
ना दूसरों को बांधना चाहिए ॥
Insta : @alfaaz_arya_k
Written by Zeenat
Don’t tie in relationshipsSay hey to the life
Say bye to the dark
Go into light
And in night, you can see the stars
You are there alone
But still happy and smiling
No one is present to stop you
Do whatever you are willing..
But still you can’t be there forever
You have something else
Your some relationships are alive
That can be called heaven or hell
You have to stop
Cut your feathers
Some relations you have
For them you have to step back rather.
Relationships are the feelings
That can’t count in words
But don’t make them your barrier
Become a flower from their buds
Don’t tie in relationships
You have your own life
Uphold them
But don’t make them your dream killer knife……
Insta id- @al.fi7709
Third🥉
Written By Avijit basu Roy
Don’t Tie Into Relationships
Moti, was my dad’s pet bird,
Like a furry ball of delight,
She would flutter around in the garden,
Chirping aloud, preconizing her rapturous delight,
She was neither incarcerated in a cage,
Nor kept in chains,
None were needed, either.
We loved her and she loved us back,
As simple as that.
Relationships are much like her,
Flourishing in true love that nourishes and liberates,
Choking to an agonizing death,
In possessiveness that captivates and suffocates.
Insta id-@bravijit@khamkhayali
Written by Niharika Chauhan
रिश्तों में ना बांधो मुझको
अकेले ही जीने दो
टोको मत मुझे
खुशी का प्याला पीने दो
क्या मिलता है रिश्ते बनके मुझे बता दो
छल ,कपट ,धोका ,फरेब इसके अलावा भी कोई नाम बचा है तो वो भी बता दो ……
रिश्तों की ज़ंजीरों में जकड़े जाने स अच्छा
अकेले पन के अंधेरे में दफन हो जाऊ
किसी को कुछ बताने से अच्छा अपनी कहानी इन पनो पे लिख जाऊ….
रिश्तों की डोर पकड़ने का अब मन सा ना करता है
ना जाने कब छूट जाए ये डर सा लगता है
जो अपना अपना कहते है उन्हें भी पेचने में अब वकत सा लगता है…..
सिर्फ रिश्ते संभालने के लिए नहीं बनी हू , मेरी भी बात समझो रिश्तों में ना बांधो मुझको अकेले ही जीने दो ।
Insta id-Its_ nihu
Comments are closed.