07/01/2021 की प्रतियोगिता का विषय है समंदर/Ocean 🌊। हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है
अगर आप भी एक कवि या कहानीकार है और अपनी रचना को पन्नो पर उतारना चाहते है तो हमारा व्हाट्सएप्प ग्रुप अभी जॉइन कीजिये ।
First
Shivendra Pratap Singh
लौट जाने की बात है कि,
जहन में मेरे उतरती नहीं,
तकदीर है कि खुलती नहीं,
धैर्य है कि अब होता नहीं,
दिल है कि बेचैन है मगर,
ये आंखे है कि सोती नहीं,
खुशी है कि गुमनाम है,
गम है कि सरेआम है,
जख्म है कि आज भी,
बदन पर गहरे है और,
फिक्र है कि फिर भी,
किसी को होती नहीं,
आंखें है की समंदर हो पड़ी,
सैलाब है कि फिर भी आती नहीं,
Ig-@shivasinghksh
Second
Avijit Basu Roy
Ocean
There are some largely misunderstood men,
Of rather rough exterior disposition,
The hard men, who are often highly feared.
Only a select few would ever know,
The depth of tenderness
That often lies cocooned, deep down,
Within these kind souls in steel armor.
These men have the heart like an ocean,
The rough, saline waves mark the surface,
Yet, deep down, lie, priceless treasures.
Ig-bravijit@ khamkhyali
Third
Priyanka Nigam
न सीखा हुनर मैंने तैरने का,
डूबा दिया जो समुंदर ने,
बेवज़ह तूने मुझे बेवफा कह दिया,
मंडराती रही कश्तियाँ चारों ओर,
मेरे खुद के अपनों की तरह,
ओर उनको हालात मेरे अदाकारी के नमूने लग गए,
छोड़ चुकी थी हिम्मत रात अँधेरी में,
दिखी जो एक उजाले की तो सहारा सा मिला,
फिर से कोशिशें की मैंने,
सूरज को निकलते देख,
हौसला देख मौजो ने भी साथ दे ही दिया मेरा,
लड़की हूँ तो क्या हुआ,आजादी तो मुझे भी प्यारी हैं,
समुंदर की रेत सी किनारा नही उसकी गहराई सा होते जाना है,
शुक्रगुजार हूँ मैं इस समुंदर का,
जिसका नाम जिंदगी हैं,
जिसके रहते जिंदगी के सबक बतौर इनाम में मिला
Insta-id-priyankanigam6
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