“किसान/Farmer” – YMPH DAILY CHALLENGE WINNERS POETRY

05/12/2020 की प्रतियोगिता का विषय है “किसान/Farmer”। हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है ।

अगर आप भी एक कवि या कहानीकार है और अपनी रचना को पन्नो पर उतारना चाहते है तो हमारा व्हाट्सएप्प ग्रुप अभी जॉइन कीजिये ।

YMPH DAILY CHALLENGE के आज के विजेताओं की कविता को पढ़िए ।

FirstMunwar bhanu.sg
SecondShreshth
ThirdZeenat
Special WriteupShahina Ayaz
Special WriteupRadheubokarowala
Special WriteupChenthura Parameshwari B.

Munwar bhanu.sg Writeup – Farmer

My father is a farmer
His heart is in the soil
It’s there he finds his solace
Among the grimy toil
He plants the seeds in springtime
The corn, the beans ,the hay ,
He prays the god would bless it
A harvest , Lord i pray .
He tills and cultivate it
Provides the most trender care
Believes that come october,
He’ll reep a harvest fair
Blue skies are his cathedral
A tractor , his altar of prayer ,
God meets him in the cornfield ,
They have their communion there
My father is a farmer
That’s all he’ll ever be
The values that the land taught him
He handed down to me ,
I love my farmer father
I’m thankful that he is mine…..
I pray that God will bless him
Today and for all time

Written by – Munwar

Shreshth Writeup – Farmer

From the soil he has born,
For the soil he has born,
He makes the soil productive
In order to make it gold he burn himself
And let the soil to be Seductive

He can feel the aroma of soil,
When ever rain comes , he start imagining to have alot in some.

From his breath to his sweat
From the keen to his head
He make it , he break it
With the plough which he drag it
On the soil, for the soil
Burning hand , buring mind
Finally it makes
The soil fertile,new life arrive
Small leafs make him smile

The pain of his life ,still be hidden in somewhere in his eyes
He work everyday ,so we can’t suffer from starving in our whole life
We should respect him because the Farmer is the hope of life

Written by – Kill3rheartshreshth

Zeenat Writeup – किसान

उभर्ती मिट्टी से उभरते हैं ये किसान
हमारे लिए जीके करते हैं, यह खुद को कुर्बान

वह खेत,वह मिट्टी यही होती है इनकी जान
उगती- खिलखिलाती फसलें होती हैं इनकी शान

क्या कहना इन किसानों का यह अन्न देव जैसे हैं
न जाने हम सब से कुछ अलग ये ऐसे कैसे हैं

कुछ तो है जो यह बताना चाहते हैं
अपनी फसलों से जितना प्यार करते हैं वह अब जताना चाहते हैं

फसलों को उठता देख इनको खुशी बेहिसाब हो जाती है
“पैसे आएंगे तो बच्चे अच्छा पढ़ेंगे” यह बात उनका ख्वाब हो जाती है

ज़रा-ज़रा सी खुशियों में ज़िन्दगी ढूंढ लिया करते हैं
खुद अपनी जी-जान लगाकर हमें जिंदगी दिया करते हैं

कुछ तो अलग बात होती है इन किसानों में जो हम सब के लिए जीते हैं,
कुछ चाहते हैं इनकी भी हमसे,पर कहने से ज़रा पीछे हैं

गुज़ारिश है इनकी, यह भी अच्छी ज़िंदगी जीना चाहते हैं
अपने टूटे हुऐ सपने, यह खुशियों से सीना चाहते हैं

“दाम बढ़ाओ-दाम बढ़ाओ” गुज़ारिश यह करते हैं
हमें ज़िन्दगी देने के लिए पल-पल यह मरते हैं

गुज़ारिश है मेरी आप सब से
इन्हें भी इज्जत दीजिए
खुशियों की ज़रा इन्हे भी लज़्ज़त दीजिये!!

Written by – Zeenat

Shahina Ayaz Writeup – किसान

इश्क़ होता है, जिसे मिट्टी से ,
उसे किसान कहते है ।
खेत खलिहानों को जो अपने पसीने से महकाए, उसे किसान कहते हैं ।
शीत लहरों को जो आग बनकर जला ए उसे किसान कहते हैं।
ग्रीष्म ऋतु में जो ठंडक बरसाए उसे किसान कहते हैं ।
लोगों को भर पेट खिला कर ख़ुद भूखा सो जाए उसे किसान कहते है ।
जो अपनी गरीबी और मायूसियों, से लड़े ,उसे किसान कहते है ।
फटी धोती में जो ख़ुद को छुपाए,उसे किसान कहते हैं ।
अपने जानवरों को जो बच्चों सा प्यार जताए ,उसे किसान कहते है ।
ये सियासत के नुमाइंदों की गुस्ताखी़ को जो बरदाश्त करे ,उसे किसान कहते हैं ।
वीरों के बाद जय का नारा जिसके लिये लगे, उसे किसान कहते है ।

Written by – Shahina Ayaz

Radheubokarowala Writeup – किसान

मां की ममता और
प्राकृतिक का प्यार,
इसी वात्सल्य से सजता है,
किसान का परिवार,
खुशियां आती है,दिल भी मुस्कुराता है,
जब अटूट मेहनत पर खेत से, सोना निकलता है,
दो जोड़े बैल से खेत के हर हिस्से को चुनता हूं,
खुशहाली लहलहाती है,
जब दिन रात तेरी देखभाल करता हूं,
नहीं व्यापार कोई तुझसे मेरा,
बस सब की भूख मिटाता हूं,
सर्दी गर्मी एक समान है मेरा,
तब जाकर किसान कहलाता हूं,
सुबह सवेरे उठकर अक्सर,
दर्शन तेरा करता हूं,
तुझमें बस्ती मेरी दुनिया,
नित नित शीश नवाता हूं,
पाकर खुशियां तुझ से मैं,
शहर के चक्कर लगाता हूं,
जाकर मंडी में तेरी,
कीमत लेकर आता हूं…..
जननी मेरी जन्मभूमि,
अन्न-धन कि तू दाता है,
सदियों से चली आ रही,
युगों युगों की गाथा है….

Written by – Radheybokarowala

Chenthura Parameshwari B. Writeup – Farmer

Falling in love with the solid brown,
And with such a subtle tenderness,
Redeems the life of our Universe,
Meticulously handpicked for humanity,
Elite gift from God is HE,
Respected will be in his time,a pious FARMER.

Written by – Chenthura Parameshwari B.

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