2/02/2021 की प्रतियोगिता का विषय है “नशा ” / “Intoxication”। हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है
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First

Muskan
नशा :
नशा क्या ही होगा उस शराब में जो बंद है ना जाने कब से किसी बोतल में।
अगर सच में खोना है किसी अनजानी दुनिया में तो कर लेना दीदार बस एक बार उस मुस्कुराहट की जो सजी रहती है हर वक्त चेहरे पर मेरे यार के।
ना आँखें नशीली है उसकी, ना ही चलती वो इठला कर है,
पर उन मोती जैसी आँखों को जो छिपायें रखती है वो,
अपने उन बडे़ फ्रेम वाले चश्मे को अपनी नाक पर टिकाये, हाय!
जो अलग सा नही है ना उसमे, उसे खास बना देती है वो पल भर में, ना जाने कैसे।
पता है, मशरुफ रहती है वो खुद में ही हर पल,
ना जाने क्या ही सोचती रहती है वो हर दम,
ना निगाहे मुझसे मिलाती है वो,
ना नजरे उसकी कभी ढुंढ़ती है मुझे,
जाने अनजान है वो मेरी मोहब्बत से,
या इंतला ही नही उसे मेरे होने की, कौन जाने।
अरे! नशा कुछ तो होगा ही होगा उन लैला – मजनू की कहानियों में,
जो संग भले ही रहे हो सिर्फ दो पल, पर उनके साथ होने के लम्हें वो अनगिनत ही अपने नाम कर गये।
चलो कहती हूँ इक राज की बात मैं आज तुम्हें,
जब इश्क हो तब उसका इकरार कर देना,
जब रंजिश हो थोडी भी तब उसका तुम इजहार कर देना,
मत करना एतबार उस कभी ना आने वाले लम्हें का,
जो दिखाये बैठा है तुम्हे वो कभी ना पूरे होने वाले सपने हजार।
मुस्कुराहट पसंद है उसकी? तो उसको इक बार इंतला ही कर दो,
यूँ दूर – दूर से पीना ये कड़वे घूंट उस ऐतिहासिक जाम का,
क्या दगा नही हुआ ये तुम्हारा अपने मोहब्बत से एक प्रकार का।।
Ig – confused_yaara
Second
Radheybokarowala
“नशा”
मुझे भी है नशा,
मैं भी नशे में रहता हूं,
सुबह,शाम,दिन,रात,
हर वक्त इसकी तलब है,
हां मुझे इसकी लत है,
मुझे है नशा अपने नाम का,
मुझे है नशा ईमान का,
मुझे है नशा उस आन का,
मुझे है नशा हिंदुस्तान का….
मुझे है नशा मेरे उद्देश्यश का,
मुझे है नशा मेरे प्रगतीशिल देश का,
मुझे है नशा मेरे कौम का
इस मिट्टी का उस हिमालय का…….✍🏻
Insta-Radheybokarowala
Third

The Unknown Girl
“नशा”
कभी वो धुए मे नजर आएगा
कभी वो मीठा जाम कहलाएगा
जो किया नशा तुमने एक बार
वो तुम्हें हर रोज बुलाएग
जवानी का फितूर है
सर चढ़कर नचाएगा
बाहर से जवान पर अंदर
बुढ़ापा नज़र आएगा
बनना था सहारा मां बाप का
तु उनसे ही नजरे चुरायेगा
तरस खा उन कंधों पर
जो कल तुझे कांधा लगाएगा
छोड़ हाथ नशे का
तू वक्त से फ़क़त यारी कर
ना गिरने देंगे तुझे तेरे अपने
तू पहले खुद से दिलदारी कर
Insta- the_unknowngirl1408
Special Write-up

Divya Saxena
नशा
नशा मेहबूब का कुछ यूं हुआ है हमपे,
दिल ठहर तो जाता है, पर कहीं लगता नहीं…
तस्वीर हर घड़ी रहती है उनकी ही जहन में,
वो दिल में तो है, पर सामने भी तो आता नहीं….
सोचती हूं कहीं पागल ना हो जाऊं इस इश्क़ में,
वो मेरा तो है, पर ज़माने में ये जाहिर हो पाता नहीं…
मुस्कुराहट तो उसकी क्या कमाल करती है,
दिल ऐसा घायल है, कि बस इलाज़ हो पाता नहीं…
और क्या तारीफ़ करूं अपने सनम की मैं,
अभी तक नशे में हूं, पर जाम कभी लबों से लगाया नहीं….
दिल गिरफ्तार है जिसकी निगाहों की एक झलक में,
वो मेरा दिलबर है, और उसे हाल मेरे दिल का पता भी नहीं….
Ig-@diaa_writes06

Shivendra Pratap Singh
मोहब्बत के अलावा किसी नशे से मुझको मिला दो यारों,
जो उतर जाय एक वक्त के बाद वो नशा मुझको पिला दो यारों,
कमबख्त बिखरा हुआ है दिल अभी उसकी बेवफाई से,
किसी मयखाने में जगह खामोश मुझे दिला दो यारों,
नफरत सी होने लगी है अब देखकर मासूमियत उसके चेहरे की,
जो खंजर मेरे सीने के आर पार कर दे उस शक्स से मुझे मिला दो यारों,
सोया नहीं कितनी रात से मैं बस मौत के इंतजार में,
अब निवाला जहर को कोई मुझे मोहब्बत से खिला दो यारों,
कहता रहा प्रताप मुझसे की इश्क़ मत करना,
गलत था मै ऐसी खबर उसको दिला दो यारों,
Ig-@shivasinghksh
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