“रिश्ते/Relations”– YMPH DAILY CHALLENGE

04/04/2021 की प्रतियोगिता का विषय है “रिश्ते/Relations”। हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है

अगर आप भी एक कवि या कहानीकार है और अपनी रचना को पन्नो पर उतारना चाहते है तो हमारा व्हाट्सएप्प ग्रुप अभी जॉइन कीजिये ।

First

Gunjan Kumari

रिश्ते
बड़े ही अजीब होते हैं ये रिश्ते
दिल के बेहद करीब होते हैं ये रिश्ते
कभी हंसाते तो कभी रूलाते हैं रिश्ते
जाने क्या क्या करवाते हैं ये रिश्ते

आओ सुनाऊं तुम्हें रिश्तों की कहानी
कुछ अपनी, कुछ बेगानी
घर में पैदा होते ही
कुछ रिश्ते विरासत में मिले
तो कुछ रिश्ते खुद बनाए
माता- पिता, दादा -दादी
सब विरासत की देन
तो दोस्त, सखियां, हमसफर खुद की लेन
भाई तो एक मिला विरासत में
लेकिन दस -बारह बनाए
मैने अपनी आदत से

ये तो था रिश्तों का एकतरफा भाग
आओ रू-ब-रू करवाऊं तुम्हें दूसरे भाग से
जहाँ आज की पीढ़ी इसे निभाती है
अलग ही अंदाज़ में
कुछ दिनों के प्यार में
रिश्ते बना लेते हैं जन्मों के
जो जन्म से रिश्ता माँ – बाप के साथ
उसे भूल जाते चंद मिनटो में
बाहरी रिश्तों को निभाने में
ये भूल जाते हैं अपने खुद के रिश्ते

कुछ रिश्तों को निभाते निभाते
जाने पिस जाते हैं कितने रिश्ते
ज़िंदगी के हर मोड़ पर
कुछ नया सिखाते हैं ये रिश्ते

Second

Rupam

रिश्ते

जिंदगी जीने का खूबसूरत आधार होते हैं ये रिश्ते।
हर खुशी में चार चाँद लगा दे ,बड़े अनमोल होते हैं ये रिश्ते।।

बड़े नाजुक होते हैं रिश्ते की ये डोर । कितनी भी कोशिश कर लो इनमे कभी न कभी दरार पड़ ही जाते हैं।
बहुत कोशिश करती हूँ इसे संभालने की पर न जाने क्यूँ ये उलझ ही जाते हैं ।।

सोचती हूँ कभी- कभी ये
रिश्ते न हो तो ये दुनिया कितना सुना सुना हो जाएगा।
प्रेम,विश्वास , समर्पण और त्याग कुछ भी हमारे बीच न रह पायेगा।।

ईश्वर का दिया हुआ वरदान है ये रिश्ते।
हर किरदार को हमें निभाना है। ।
कहीं मां, बहन, बेटी और प्रेमिका बन कर तो कहीं पत्नी ,बहू और भाभी बन कर।
हर रूप में इसे सवांरना है ।।

हर रिश्ते को हमारी जरूरत है, बूढ़े मां बाप को भी हमें संभालना हैं।
बोझ नहीं आशीर्वाद हैं वो,ये अहसास उन्हें करवाना है। ।

सूखे पत्ते के समान हम भी एक दिन शाख से गिर जाएंगे ।
क्यों ना सींच ले हर रिश्ते को प्यार से, यह रिश्ते ही तो सदा हमारे काम आएंगे। ।

Third

Sweta Roy

“रिश्तें “


रिश्तें भी कितने अनमोल होते हैं
दूर होकर भी कहाँ दिल एक दूजे से दूर होते हैं
हर वक़्त उनकी यादों का पहरा होता है इस दिल में
जो दूर होते हैं वही रिश्तें दिल के बेहद
करीब होते हैं
जिक्र होठों पर उनका आए न कभी
पर ख्वाईश उनसे मिलने की हर वक़्त
होती है

आज वक़्त ने हालात कुछ ऐसा बनाया
साथ रहना उनके न मुमकिन हो पाया
आज मैं किसी और शहर जा बसी हूँ
उन रिश्तों की छाँव को आज भी कहाँ
भूल सकती हूँ

माँ कि ममता पापा का लाड़ प्यार
वो भाई-बहन का मीठा सा तक़रार
हर रिश्तें जैसे मीठी चाशनी में हो घुली
हुई
जिनकी यादों की मीठी चाशनी आज
भी मेरे यादों में है घुली हुई

ये रिश्तें का डोर बड़ा ही नाजुक होता है
दिल से बंधा इसका कोमल सा डोर होता है
कभी शंका या गलतफहमी इसमें न आने देना
हर रिश्तें को बस हँस कर दिल से निभा लेना

ये जिंदगी न जाने किसे कब दूर करे
कुछ दूरियां रिश्तों की कभी मिटे न मिटे
हर दुआ में मैं भी हूँ शामिल उनकी
पास होकर भी शायद हम कभी मिले न मिले।

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