09/04/2021 की प्रतियोगिता का विषय है “धर्म/Religion”। हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है
अगर आप भी एक कवि या कहानीकार है और अपनी रचना को पन्नो पर उतारना चाहते है तो हमारा व्हाट्सएप्प ग्रुप अभी जॉइन कीजिये ।
First
Julekha Yasmin Ali
RELIGION:-
Religion teaches us to love not to spread hatred
Religion never and ever teaches us to spread non violence.
Religion implies positiveness within us.
What is RELIGION????
The BELIEF within yourself is RELIGION.
The TRUST within yourself is RELIGION.
The FAITH within yourself is RELIGION.
The CONFIDENCE within yourself is RELIGION.
The BRAVERY within yourself is RELIGION.
The TRUTH within yourself is RELIGION.
The LOVE within yourself is RELIGION.
The TRUTH within yourself is RELIGION.
The LOVE within yourself is RELIGION.
The HONESTY within yourself is RELIGION.
The STRENGTH within yourself is RELIGION.
The PATIENCE within yourself is RELIGION.
The SAFETY within yourself is RELIGION.
The CAREFULNESS within yourself is RELIGION.
The HAPPINESS within yourself is RELIGION.
The BEAUTINESS within yourself is RELIGION.
All the positive attitude within us is religion…….
Second
Sweta Roy
धर्म
धर्म क्या जात क्या ये तो मैं न जानू
ईश्वर ने बनाया सबको समान
देकर खून लाल रंग का
फिर क्यों कहते हैं सब बोल तेरा
धर्म क्या है
समाज के ठेकेदारों ने हमें क्यों टुकड़ों
में बाँटा
खूबसूरत ईश्वर की कृति को धर्म के नाम पर सौ टुकड़ों में बाँटा
राजनीति आज कर रहे इन धर्मों पर सियासत
धू-धू जलती आक्रोशित जनता कामयाब होती इनकी गंदी सियासत
समाज के ठेकेदारों ने हमें धर्म और जाति में बाँटा
कर गए भेद खून का बन बैठे भाग्य विधाता
जाति-पात धर्म के चक्कर मे
आज होने लगी सियासत किसने
मानव की मानसिकता दूषित की बनाया इनको दैत्य मानव
आज आक्रोशित धर्म जात के आँधी में दंगे ने लूटे कितने घर की रोशनी को
आज कितनी माँ ने अपने बच्चों को
खोया कितनी बीबी ने अपने शोहर को
जिन्होने इन दंगों में अपनों को खोया क्या उनका खून का रंग नहीं लाल था
जब विधाता ने बनाया सबको समान
तो क्यों पूछा उन्होंने जो मर गया वो
किस जात का था
माना मजहब अलग संस्कृति तो एक है हमारी
हम सब एक है ये कहती है दुनिया सारी
पर धर्म पर बँटना न जाने कब कम होगा
कब फिर से हम सभी का खून का रंग
एक होगा
नहीं बँटेंगे हम धर्म जाति के नाम पर
हम सब भारतवासी है यही हमारा धर्म होगा।
Insta Id-roys17924
Third
Gunjan Kumari
धर्म
धर्म जाने क्यों इतना डौल रहा है
सबके सिर चढ़ कर बोल रहा है
है जग में इसका कोई काम नहीं
दुनिया में कोई पहचान नहीं
दो शब्दों का नाम है इसका
फिर भी जग में मचाया हाहाकार है
इसकी वजह से लोगों के बीच में
मचा कोहराम है
कहना लोगों का धर्म जरूरी है
पूछना मेरा क्या इसके बिना
होती नहीं ज़िंदगी पूरी है
क्योंकि ये लाती लोगों में दूरी है
इसकी वजह से रोज हो रहे
कत्लेआम हैं
कुछ भ्रष्टाचारी इसके नाम पर
कर रहे शासन सरेआम हैं
अंग्रेजों की नीति अपनाकर
डालते अपनों में फूट हैं
फिर उस का फायदा उठाकर
अपनों को ही नोच डालते हैं
ये बात आम जनता के लिए
जानना है बेहद ही जरूरी
धर्म मानने को न बनाएं अपनी मजबूरी
जब बनाने वाले ने ही
नहीं रखा कोई भेद
तो क्यों करते हो धर्म के नाम पर
एक – दूसरे से द्वेष
धर्म के नाम पर एक – दूसरे
से लड़ने की बजाय
अगर हो जाओगे एक
तो कहलाओगे खुदा के बंदे नेक
@gunjan.k.524
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