14/04/2021 की प्रतियोगिता का विषय है “गंतव्य/Destination”। हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है
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Special Write-up
Mrudul Shukla
गंतव्य
कठिन है राहे जिंदगी की, बस चलते रहो,
मौत ही आखरी गंतव्य है,बस चलते रहो।
प्रश्न बहुत है जिन्दगी में,उसके उत्तर देते रहो,
गंतव्य की और राह में, आगे ही बढ़ते रहो।
उनसे प्रेम है ,तो उन्हें पाना भी एक गंतव्य है,
उनका दिल जीतने, यह दिल हार ना पडेगा ।
अकेले आये है तो अकेले ही जाना पड़ेगा,
जिंदगी के अंत में साथ उनका छोड़ना पड़ेगा ।
कठिन है रिश्ते को यु छोड के जाना,
प्रेम से सब रिश्ते,आखरी गंतव्य तक निभाते रहो ।
लोगों के “मृदुल मन” में बसना हो तो,
लोगों को प्रेम की डोरी से बांधा करो।
आखरी गंतव्य को उत्सव बनाना हो तो,
अपने “मृदुल मन” में ईश्वर समाया करो।
writter: मृदुल शुक्ल (मृदुल मन)
Instagram: mrudul_shukla
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