17/07/2021 से 19/07/2021 की प्रतियोगिता का विषय है “Child molestation/बाल उत्पीड़न…”। हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है
अगर आप भी एक कवि या कहानीकार है और अपनी रचना को पन्नो पर उतारना चाहते है तो हमारा व्हाट्सएप्प ग्रुप अभी जॉइन कीजिये।
First
Am a prisoner of appalling nightmares,
Anxiety now, is a permanent companion,
Restrained by the chains of depression,
While the perpetrator walks with
a bold flair.
Hapless when boundaries were crossed,
Anonymous went my cries of help,
Ironically I posed a substantial threat,
While the monster could still accost.
Near and dear, afraid of ramifications,
Let me to grapple in the scenario,
While I searched for a button to pause,
Hoping to draw sensible implications.
Emotions consumed and drained,
I ensured I was heard this time,
But all that happened was bold headlines,
And my dignity left stained.
Name: Chenthura Parameshwari B
Instagram: silent_cascades
आज हुँकार उठी है देश की
एक कदम बढ़ा है आंदोलन का
नहीं होने देंगे कोई यौन शोषण
ना कर पाएगा कोई बाल उत्पीड़न ।
जो उम्र है अभी सँवरने की
किताबों की, खेलने- हँसने की ,
क्यों उनका हक छीना जा रहा है
क्या हक नहीं है उन्हें आगे बढ़ने की ।
सदियों से चली आ रही है यह रीति
बाल हो रहे हैं इसका शिकार क्यूँ,
बाल मजदूरी,बाल श्रम,बाल विवाह,
कुसंगत और अभद्रता पर हैं ये मजबूर क्यूँ ?
यही बच्चे जो देश के भविष्य हैं
इन्हीं के बल पर
फल फूल रहे हैं नेता राजनेता यूँ
समाज में फैली इन्हीं कुरीतियों से
रुका हुआ है देश का विकास यूँ ,
आज बाल उत्पीड़न वैश्विक समस्या है
जड़े मिटाने होंगी इसकी ,
बाल उत्पीड़न थमेगा तभी
तरक्की हो सकेगी देश की ।….
@nandini_9569
Anjali Soni
Second
•●•DON’T YOU DARE: WILL YOU?•●•
Shh! Don’t you dare to tell anyone
Till now you’ve seen me loving you
But I can actually be very ruthless.
Shh! You don’t need to tell anyone
Our family carries a high prestige
You don’t need to be a nuisance.
Shh! Don’t share with one or million
Our society has certain standards
Like others, better live in pretence.
Shh! You aren’t even star, I’m SUN
As you zipped your tongue with him
Better is you bear me too in silence.
Sh! Sh! Sh! Why feeling this frustration
It’s not just their fault, this exploitation
You allowed this, why, getting tense!?
Dr. ( Major ) Shital Jindal
IG: Shital.jindal
Third
- बाल उत्पीड़न *
बाल उत्पीड़न से आज मासूम बचपन
कहीं खो रहा
कोई बाल मजदूर तो कोई यौन उत्पीड़न का शिकार हो रहा
जिनकी क़िताब पढ़ने की उम्र है
वो आज झाङू पोंछा कर रहे
कहते है हर घर में बच्ची सुरक्षित है
तो आज अपनों के द्वारा क्यों यौन उत्पीड़न हो रहे
देश की हर गली शहर का अब एक जैसा हाल है
शायद मिट रही है मानवता न जाने कितने बाल उत्पीड़न के शिकार है
कहीं रोज़ी रोटी की चाह में बाल मजदूर बन रहे
तो कहीं हर गली शहर में बच्चियाँ यौन शोषण के शिकार हो रहे
कब तक मिटती रहेगी मानवता जब
बाल उत्पीड़न एक अपराध है
कब तक धूमिल होगा कोमल बचपन
जब इनका न कोई अपराध है
आज बाल उत्पीड़न पर हम सबको
फ़िर से आवाज़ उठाना होगा
तब जाकर लौट आऐगा वह मासूम बचपन जिनका ये हकदार है।
Sweta Roy
Insta ID-roys17924
Special Write-up
बाल उत्पीड़न
मासूम इन चेहरो पर कब ह॔सी गूंजेगी,
बाल उत्पीड़न बच्चे को कब रिहायत मिलेगी,
खेलने कूदने की उम्र मे ही मुरझाती है उनकी जिंदगी,
कभी सड़क पर तो कभी कोठे पर बिठाती है जिंदगी,
दरिन्दे कूछ ऐसे भी है ,जो इन्हे इस्तेमाल करते है,
अपनी जाहोजलाली इनके खंधो पर,पैर रख कर करते है ।
मृदुल मन ने इस शहर मे बचपन को मरते देखा है।
गलियों और चौराह पर कचरे से खाना ढुंढते देखा है ।
पता नही उन पर खुदा की रहमत कब बरसेगी, उनको खुशीओ की शौगात कब मिलेगी ।
writer: मृदुल शुक्ल (मृदुल मन)
Instagram: mrudul_shukla
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