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Environment/YMPH-Daily-Writing-Challenge

18/07/2024 की प्रतियोगिता का विषय है “Environment” हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है

The theme of the competition for 18/07/2024 is “Environment”. Read the poems of the talented poets associated with us. Love, fear, and darkness are the many meanings that keep the hearts of poets emotional. We respect such sentiments and it is our resolve to make their feelings adept. Every day, we give an opportunity to writers and poets to put their thoughts to pen through the Daily Challenge competition in our WhatsApp group on different Topic. And those who write best. You are reading those article on this page.

Environment

The one who fills the colour in the sky,
The one who can’t moves the wind or created cyclone,
The one who didn’t make rain at anywhere, or created cyclone at somewhere,
The one who taught animals to be loyal,
The one who create sunshine,
The one who create moonlight,
That is who save humans,
That is only the destroyer,
His power is everywhere,
Who is that,
Absolutely the great God,
He tries to protect the environment,
But we humans are trying to destroy it,
We don’t know the value of environment of our nature,
As we continuously cutting down the tress unnecessarily,
We are doing polluting our environment by using more vehicles instead of using carpools,
We polluting water bodies also by putting waste into them,
We don’t have any kind of concern towards our environment
He who gave a unique beauty to this environment,
He is the artist, which uses a amazing creativity and make the entire universe as artistic universe.
Kashish Chandnani
I’d – kashish_chandnani123

!! प्रकृति !!

वसुंधरा पर जो सबसे आगे है,
वही सबसे पीछे है..!
जो सबसे ऊपर है, वास्तव में वही सबसे नीचे है..!

फिर भी कुछ तो है, ईश्वर प्रदत्त प्रकृति की तरह,
निराशाओं के भरे समंदर से अलग कहीं दूर..!!
मरुस्थल रेत प्रतल में आशाओं की बेल सींचे है..!
वास्तव में यही मुझे अपनी ओर खींचे है..!

कुछ सोचकर मेरी दृष्टि
सहसा ही टिक जाती है,
उन क्षणिक मोतियों पर,
जो मेरी खिड़की से नजर आती हैं..!

इन असंख्य बूंँदों की सुंदरता,
जीवन और अस्तित्व तभी तक है,
जब तक प्रखर धूप अस्तित्वहीन है,

नया विश्व एक रचता है
नित्यप्रति आता यह प्रकाश भी,
और नष्ट करता है, पुराना एक सुंदर स्वप्नों का संसार भी..!

और इसके पहले एक विश्व उनका भी था, जिसे इस प्रकाश ने नष्ट कर दिया है..!

इस प्रकाश में वह बूंँद भी,एक मिथ्या लगती है, और
उस घने कोहरे के बूंँदों के संसार में, यह प्रकाश भी एक मिथ्या लगता है।

पर वास्तव में दोनों पूरक हैं, और अटल सत्य यह प्रकाश भी है, और उतना ही
अटल सत्य इस बूंँद का अस्तित्व भी है।
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स्वरचित – मौलिक
Jaimala Rai
Insta I’d
jaimala_poetry

Environment
The trees sway in the gentle breeze,
Their leaves whisper ancient stories with ease.
Birds sing melodies in the clear blue sky,
Nature’s beauty makes the heart sigh.

Rivers flow with a soothing sound,
Life in harmony, all around.
Mountains stand tall, proud and grand,
Protecting the earth, a steadfast band.

Let’s cherish nature, keep it clean,
For a world where beauty is always seen.
Together we can make a stand,
Protecting our precious language

Vanas Creations

मैं धारा उस गंगा की…।
चंद्रमा हूं उस स्वच्छंद अंबर की..।
महक हूं उन फूलों की…।
सुकून हूं उन स्वतंत्र बहते हवाओं की….।

मगर काश … कि कोई यह समझ पाता
मेरे भी जीवन की व्यथा कोई जान जाता।
तो न उस गंगा में कूड़े का ढेर बहता।
न मेरे गगन को काले धुएं का अंबार ढकता
न उन फूलों की हँसी मिटती
न खुशबुओं का झोंका कार्बन में विहीन होता।

काश… कि कोई समझ पाता
मेरे भी आसियाने को कभी कोई अपना घर बना पाता।

Bhumika Manikpuri

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