24/08/2024 की प्रतियोगिता का विषय है “Betrayal” हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है
The theme of the competition for 24/08/2024 is “Betrayal”. Read the poems of the talented poets associated with us. Love, fear, and darkness are the many meanings that keep the hearts of poets emotional. We respect such sentiments and it is our resolve to make their feelings adept. Every day, we give an opportunity to writers and poets to put their thoughts to pen through the Daily Challenge competition in our WhatsApp group on different Topic. And those who write best. You are reading those article on this page.
Betrayal
धोखा
जब धोखा उनसे मिलता जिनसे,
कभी ना उम्मीद करी थी,
तो इंसान अपने आप को कमरे में,
बंद कर लेता सबसे,
खुद को वो दुर कर लेता उससे,
लगने लगता की शायद,
पुरी दुनिया ही ऐसी देखो कदम पर ,
घर से भी हर सीढ़ी पर सिर्फ,
धोखा ही नज़र आता सिर्फ धोखा,
ही नज़र है आता।
Kadambari gupta
Insta -id kadambari.gupta
क़तल इ आम
वह धारा जो मुझे तुम तक ले आई, क्या वह एक गुलाबी सपना था,
तुमने उन हज़ार सपनों को भुला दिया जो हमने एक साथ देखे थे,
क्या यह नियति थी जो यही चाहती थी या यह कायरता थी जो तुम्हारे अंदर पनप गई,
प्रस्थान के समय हमारे हृदयों का खून लाल क्यों होना चाहिए था?
क्या तुम्हें डर नहीं लगता उस इश्क़ के इम्तिहान से जो तुमसे सफ़ाई मांगता है,
जो तुम्हें उस चट्टानी फिसलन के किनारे पर खड़ा कर देता है जो आज तुम्हें घूर रही है,
वे वादे और सपने एक साथ जीवन के पीटे हुए ढोलों में गूंजते हैं,
जो जीवन की उस राह की ओर ले जाता है जिसे हमने साथ मिलकर नाम दिया है ।
तुम्हारे प्यार में दुनिया मुझे क्या कहेगी राधा या मीरा है?,
या ये मेरा प्यार था जो तुम्हारी नजरों में वफ़ा से कम पड़ गया,
वह सिन्दूर जो मेरे जीवन की नियति का तावीज़ था , वह केवल तुम्हारा होना था,
मैं इसे इतने सस्ते और आसान तरीके से किसी और को कैसे दे सकती हूं,जिसका नाम का फरमान सिर्फ तुम्हारा है ।
कितनी अजीब दास्तान है ये इश्क-ए-मोहब्बत है ,
याद करने की भी कुछ पलों में तुमको बेवफाई लगती है,
हो गए तुम किसी और के इतना आसान रहा सब है ,
जाते हुए हमें बता देते, तुम्हें भुलाना या याद रखने की सजा कौन सा धोखा अब है ।
-©®डॉ माया 📖
Quote: If it is the eyes that see, why do we feel we have been here earlier, when we were never there with these eyes of ours?
Name: Bikramjit Sen
Instagram: @author_poet_bikram
धोखा
।।मुबारक।।
इक हिज्र है के जिसका सबब अना है
मुझ में मैं ही नही हूं उसमे वो भी कहां है
शकल तुम्हारी भूल चुके है कौन सा मास चल रहा है
बुझी बुझी सी दिल की राख आंसू भी परागंदा हैं
होठों की लाली तो वही है लेकिन इस हैरत में हूं
ज़ुल्फ बिखेरे फिरने वाली सर तक घूंघट क्यों ओढ़ा है
तुमको थी जो बात सुनानी अब कैसे साझा कर दूं
शहनाई की इस गुंजन में इक सन्नाटा बोहोत घना है
अब मुझको पहचान न आओ मैं दरिया के मान में हूं
दिल की सुननी कम कर दी है आंखों से कम दिखता है
एक मुबारक भीड़ यहां पर जिसमे तुम भी रक्सा हो
इक बेचारा दिल आवारा खुश है कितना तन्हा है
अजीब कहारों के ही तरह होती है सबकी किस्मत
किसकी डोली किसकी अर्थी आदम की वैशी दुनिया है
उसने नमी से लिखा अकीदत फिर नज़रों को फेर लिया
अब आंखें खोली तो जाना ये कितना पागल सपना है
– आनंद अजीब
Insta ID- @enigmaticbanda
Betrayal
Sitting and staring at the dark sky,
I looked at my phone ringing with tears in my eyes,
It was him who was calling and messaging,
But why I asked myself once again.
He was cheating behind my back,
With a friend of mine that live on the other block,
I caught him yet he is telling me it was not what I saw,
I wondered to myself since when was this going on for
Betrayed my own friend and husband,
This was never the life anyone would ever want,
Why me? ,hearing their taunts ,
Just couldn’t let me sleep knowing it’s gonna be the reason for a nightmare that haunts
-Amru
That day when I got
Some unexpected betrayal…
Not from my loved or family
Instead was from a friend…
Whom I respected more than me
Whom I trusted like an angel
But was my care that enough?
Did my yes or no mattered?
Was my existence still be cherished?
Or
Were my eyes moist enough?
To create that spark again???
-Dr. Priyanka
Comments are closed.