My Love Story/YMPH-Daily-Writing-Challenge

04/12/2024 की प्रतियोगिता का विषय है “My Love Story” हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है

The theme of the competition for 04/12/2024 is “My Love Story”. Read the poems of the talented poets associated with us. Love, fear, and darkness are the many meanings that keep the hearts of poets emotional. We respect such sentiments and it is our resolve to make their feelings adept. Every day, we give an opportunity to writers and poets to put their thoughts to pen through the Daily Challenge competition in our WhatsApp group on different Topic. And those who write best. You are reading those article on this page.

Daily Writing Challenge Managed by Dr.Shruti

My Love Story

 

मेरी प्रेम कहानी

मेरी प्रेम कहानी तो हवा के झोंके,
की तरह थी ,
कहानी शुरू हुई फुल खिले आसमान,
में जैसे दोपहर में भी सितारे थे,
चमक रहे,
फिर आया ऐसा तुफान की सदा के, लिए हम बिछड़ गए सदा के लिए हम बिछड़ गए,
हालातों की कैसी नादानी खत्म हुई,
आज एक प्रेम कहानी खत्म हुई आज एक प्रेम कहानी,

Kadambari gupta

अगस्त का पहला संदेश

अगस्त की हवा में था कुछ खास,
शायद उसके दिल ने कहा, “अब तो करूँ एक प्रयास।”
व्हाट्सएप पर लिखा, “हाय! कैसी हो?”
और उस पल से, कहानी का सफर शुरू हो।

मैंने पढ़ा, मुस्कुराई चुपचाप,
फिर लिखा, “मैं ठीक हूँ, और आप?”
बातें बढ़ीं, दिन बदलते गए,
हर संदेश के साथ दिल जुड़ते गए।

पहली मुलाकात, चंडीगढ़ स्टेशन पर हुई,
देखते ही जैसे दिल में कुछ हलचल सी छुई।
उसके चेहरे की मासूमियत, मेरी हिम्मत बनी,
हमारे कदमों ने वैष्णों की राह ताजी चुनी।

मंदिर की चढ़ाई में साथ चला वक्त,
हर मोड़ पर महसूस हुआ प्यार का सबक।
मां के दरबार में जब सिर झुकाया,
हम दोनों ने जैसे जीवन का अर्थ पाया।

दर्शन के बाद जब लौटे थे हम,
तब दिलों में था कुछ अनकहा, अनजना सा गुम।
उसने पूछा, “क्या हम साथ चल सकते हैं?”
मैंने कहा, “ये सफर यहीं नहीं रुक सकता है।”

उसी सफर में तय हुआ शादी का ठिकाना,
राम मंदिर, जम्मू बना हमारा सुहाना।
सादगी भरे मंडप में फेरे लिए,
हर मंत्र ने हमें एक कर दिए।

अब हम साथ हैं, हर घड़ी, हर राह,
चंडीगढ़ से वैष्णो देवी तक का प्यार आज भी है साकार।
हमारी कहानी बताती है ये बात,
प्यार में सच्चाई हो, तो मिल जाती है हर सौगात।

Payal Bansal

 

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