Safar : सफ़र आज का विषय है । हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है ।
अगर आप भी एक कवि या कहानीकार है और अपनी रचना को पन्नो पर उतारना चाहते है तो हमारा व्हाट्सएप्प ग्रुप अभी जॉइन कीजिये ।
YMPH DAILY CHALLENGE के आज के विजेताओं की कविता को पढ़िए ।
First | Shahina Ayaz |
Second | Ankita Dhar |
Third | Akshay Patel |
Special Writeup | Divya Saxena |
Special Writeup | Srestha Tripathy |
Shahina Ayaz Writeup – सफ़र
सफर ….
जाने किस सफर पर निकल पड़े हैं।
बिना सहारे ही चल पड़े हैं ।
न कोई साथी न कोई मंजि़ल,
बिखारी दर के बने पड़े है ।
हैं लाशें लिपटी बिना क़फन के ।
हर सिम्त छाई वबा़ की मस्ति ।
हैं अपने ही घर में अजब दरिंदे,
सफेद पोशी किये हुए हैं ।
जाने किस सफर ….
न इश्क सच्चा ,हैं झूठे रिश्ते
हर एक क़दम पर बदल रहें हैं ।
फेरों की पवित्रता कहाँ रही अब,
कुबूलियत के रिश्ते सिसक रहे हैं।
जाने किस सफर पर निकल पड़े हैं ।
Written by – Shahina Ayaz
Ankita Dhar Writeup – Safar
Where I m going, I don’t know.
Where the wind will take me, I don’t know. Still, I am walking with lots of memories and pain in my mind.
I neither had anything to say to someone, nor to hear.
I was helpless.
I just wanted to do for myself in this beautiful journey before dying.
Wanted to do on my own.
The one who taught me to smile and to live happily in this world, now he is only not with me till the end of this journey.
And again I couldn’t help anything.
Journey is like open book, someone will read, someone will block your road, or someone will try to send you in wrong path.
Now, it’s all about you how you depend on yourself to start your own beautiful journey.
Written By- Ankita Dhar
Akshay Patel Writeup –
ज़िंदगी का सफ़र भी अदभुत है
कभी हँसता है कभी रुलाता है
कभी गिरता है कभी उठता है
इसलिए ये सफ़र बहुत अदभुत है
अचानक से शुरू हुआ था ये सफ़र
लगा की ज़िंदगी ने कोई मोड़ लिया
मस्ती से कट रही थी ये ज़िंदगी का सफ़र
कही अचानक से ही ख़त्म हो गया सफ़र
गम नहीं ये की ये ख़त्म हो गया ये सफ़र
ख़ुशी तो ये है कि जितना था अच्छा ये सफ़र
वैसे ही की बगीचे का फूल का सफ़र होता है
“हार”तक हो या “कबर” तक होता हैं सफ़र
ये मत समजना की हम ये सफ़र पर मूर्ख बने
मूर्ख बना हमारी नादानी थी,आपको समजने के लिए
दिल से शरुआत किया था हमने ये सफ़र
लेकिन ये तो दिमाग़ तक आकर ख़त्म हुआ ये सफ़र
खुद का खुद की साथ का सफ़र
किसी और के साथ हमेशा सफ़र
अधूरा हो या पूरा सफ़र तो सफ़र है
अकेला सफ़र सबके साथ सफ़र
Written by- Akshay Patel
Divya Saxena Special Writeup – सफ़र
ये सफ़र ज़िन्दगी का है,
बस तय आपके साथ करना चाहती हूं,
दिल में तो बहुत कुछ है,
सोच में हूं कि लफ्जों में कैसे कहूं…
तारीफें तो बहुत करता है ये दिल आपकी,
नज़रों में भी आपकी आना चाहती हूं,
हाथ में लेकर हाथ आपका,
उम्र भर इस सफर में मैं आपका साथ चाहती हूं…
Written by- Divya saxena (diaa)
Sreshta Tripathi Special Writeup – Safar
HOME-COMING
I perceived as lonely as a cloud,
in the hostel where I went to make my parents proud.
It was the time for some festivity,
when my dull face indicated gravity.
Just roughly texted to go off,
before I feel homesickness and kick off.
Booked a ticket with a corner seat,
to get the wonderful view and cool breeze, conductive to heat.
My bag was all set and so was I,
one could see the joy in my eye.
Eagerly waiting at the station,
for the train to my favorite destination.
Even the green scene failed to seek attention,
as I was moving towards my obsession.
I was wishing if the train could fly,
Silly! but I had reasons to get by.
The moment I saw a glimpse of my dad,
his grown-up daughter fairly got mad.
As soon as I opened the gate,
mommy and sister came rushing without any late.
I thanked God for my wise decision,
since dearest home is the best spot for every occasion.
Written by – Srestha Tripathy
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