13/02/2025 की प्रतियोगिता का विषय है “Break-up” हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है
एक टूटा वादा तेरा,एक झूठा नाता मेरा,
वो मीठी बाते तेरी,वो कटु वचन मेरा।
याद आता है सब कुछ मुझे बस तेरे जाने के बाद,
जाने दिया हमने तुम्हे,ये भूल हमने क्यों करी
ये सोचते है बैठ कर ,क्यों हुआ है ये भला।
कर भी लें हम प्रायश्चित,पर उस से होगा क्या भला,
तुम लौट के आ जाओ अब,हम को दो कुछ भी सजा ।
टूटे हुए वादे पे भी हम काट दें जीवन पूरा
Anshu singh ~Mrinalini
एक टूटा वादा ही तो था
झूठा वो एक इरादा ही तो था
जो तुमने मुझसे किया था
दिल को झूठा दिलासा दिया था
न जाने क्यों तुमने छल किया था
मोहब्बत में मुझे दर्द इतना दिया था
मैंने तो तुम पर सब लुटा दिया था
फिर भी तुमने मेरा भरोसा न किया था
क्या थी मेरी खता क्या कसूर था
जो हो गया तू मुझसे इतना दूर था
एक टूटा वादा भी तो मुकम्मल हो सकता था
तुम चाह लेते तो सब कुछ बदल सकता था
Pushpa Sshu
Insta ID- meeraquotes 786
तेरे झूठे वादें…
तेरी वफ़ा को बहुतों की ग़ज़लों में हमने सुना है,
हर गली में चर्चे तुम्हारे कि आख़िर ख़ुशनुमा अंदाज़ तुम्हारा क्या है?,
हर जगह एक बात अपनी अधूरी छोड़ देते हो,
झूठे कसमे और वादे साथ निभाना के सभी से तोड़ जाते हो।
आख़िर क्यों ये ज़ुल्म ये ज़माना तुम पर बिन बरसे है,
बना तुम्हारा जो काफ़िला उन नज़्मों की महफ़िलों से जो है,
जो सजाकर एक ख़्वाव ;तुम्हारे अधूरेपन में तुम्हें छोड़ जायें,
जुगलबंदी में क्या वो लिखे वादे उसको भी रास नहीं आएं?
पड़ेगा ये ज़माना तुम्हारी कसम की वो ज़ालिम दिलागी,
कितनो से से दिल लगा बैठा तुम्हारा नादान दिल ये गुस्ताख़ी,
छुप छुप कर तो बड़ी बातें कर बैठे सबसे,
कसमों का सैलाब दोबारा ले आए कबसे?
शमा तो जलाकर अपने पहलू में ;बंद राज तुम्हारे तुमसे ख़फ़ा हैं,
वफ़ा की नज़्में जो सबने तुम्हारे नाम की जो अब एक एक लिखी हैं,
तुम्हारे नाम पे मरती हर एक गुल-ए-गुलज़ार तमन्ना-ए-ख़ाम है,
झूठे वादे तुम्हारी ये जीवन की पहचान और अधूरी कहानी है।
जिंदगी से बंदगी का सफर सुहाना अब है,
कितनो को रास आए ये गुस्ताख़ दिल की तुम्हारी नादानियाँ जो है,
दिल के जलने की खबर आखिर किसको हुआ करती है,
महफ़िल वो खास तुम्हारी बातें अब मिसरी सी लगती हैं।
-©®डॉ माया 📖
एक वादा था, सितारों सा चमकता,
चाँद की किरणों सा, मन को लुभाता।
कसमों की डोर से बंधा, ये प्यार का धागा,
लगता था जैसे, कभी ना टूटेगा ये आँगन हमारा।
हँसी, खुशी, सपनों से सजा ये हमारा जीवन था ,
हर पल, हर लम्हे, पर बस तेरा ही नाम था।
विश्वास की नींव पर बना, ये रिश्ता हमारा,
लगता था जैसे, अटूट है ये बंधन हमारा।
फिर एक दिन, वो वादा टूटा,
जैसे कोई सपना, अधूरा छूटा।
बिखर गया सब कुछ, रेत के महल जैसे,
रह गई बस यादें, दर्द के आँसू जैसे।
वो सितारा टूटा, वो चाँदनी खोई,
वो कसमें झूठी, वो डोर भी टूटी।
रह गया बस खालीपन, उदासी का आलम,
एक टूटा वादा, और बिखर गए हम।
अब ना रही वो हँसी, और ना वो खुशी रही,
बस तन्हा है ज़िन्दगी, यादें ही याद रह गई।
दिल में छुपा है दर्द, आँखों में आँसू,
दर्द की इस दास्ताँ में, हर कोई है अपना किरदार निभाता।
काश वो वादा, झूठा ना होता,
काश ये दिल, यूँ ना रोता।
माही श्रीवास्तव
चले हैं लोग मैं रास्ता हुआ हूँ,
मुद्दत से यहीं ठहरा हुआ हूँ।।
ज़माने ने मुझे जब चोट दी है,
मैं जिंदा था नहीं जिंदा हुआ हूँ।।
मैं पहले से कभी ऐसा नहीं था,
मैं तुमको देखकर प्यारा हुआ हूँ।।
मैं कागज सा न फट जाऊँ,
ऐ लोगो उठाओ ना मुझे भीगा हुआ हूँ।।
मेरी तस्वीर अपने साथ लेना,
अभी हालात से सहमा हुआ हूँ।।
कभी आओ इधर मुझको समेटो,
मैं तिनकों सा कहीं बिखरा हुआ हूँ।।
चलो अब पूछना तारों की बातें,
अभी मैं आसमां सारा हुआ हूँ।।
मुसलसल बात तेरी याद आई गई,
वो वक़्त मैं उलझा हुआ हूँ।।
बुरा कोई नहीं होता जन्म से,
मुझे ही देख लो कैसा हुआ हूँ।।
ज़माने ने मुझे जितना कुरेदा,
आशिम उतना और भी गहरा हुआ हूँ।।
✍🏻Aashim Sharma
IG Aashim02
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