Er.Sachin Pratap Singh-Quotes-One liner _ Two liner

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वो इश्क ही क्या जो हजारों से हो और वो मेहबूब ही क्या जिसका तालुक बाजारों से हो।

जिसे हमारा कोई फ़िक्र नहीं फिर उसका भी हमारे जीवन में कोई जिक्र नहीं।

हर किसी में वो बात नहीं होती तब तक जब तक उसके दिल में कुछ जज्बा और जजबात नहीं होती।

इत्ता अच्छा सोचते हो तो कर लो ना प्यार कर लो ना दिल को बेकरारआखिर दिल को रोका क्यों है मोहतरमा इश्क़ के मैदान में उतरो ज़रा फिर ये बातो का धोखा क्यों है

प्यार तो यूंही बदनाम है दोस्ती तो है इस रिश्ते में भी समझने वाले समझ गए और ढले इस रिश्ते में भी।

दोस्ती तो है और रहेगी ज़रा बदल दो इसे प्यार में कुछ दिल की बेचैनी कुछ दिल के करार में❤️।

हमारा प्यार कुछ यू सबसे अलग होगा बाबू सोना कि जगह कुत्ता कमिना होगा

आपके चेहरे की मासूमियत हमे दीवाना बना रहा हैआशिकी की चाह तो नहीं थी पर ये आपकी अदा हमे आशिक़ बना रहा है

ये निगाहों में आपके पता ना कौन सा जादू है जिसे हम जब भी देखे आपकी तरफ खींच लेती है

आप हो हमारी चाहत और हमारी प्यार फिर हमको चाहिए ही क्या मेरे यार

इत्ता अच्छा सोचते हो तो कर लो ना प्यार कर लो ना दिल को बेकरारआखिर दिल को रोका क्यों है मोहतरमा इश्क़ के मैदान में उतरो ज़रा फिर ये बातो का धोखा क्यों है

हमे तुम ही नहीं तुम्हारी आदत भी चाहिए तुम्हारे दुख दर्द और इबादत भी चाहिए।

तुम्हारी आंखों को काजल कि चाहत हैऔर हमे तुम्हारी

तुम्हारी आंखों की काजल ने हमें कायल कर दियातुम्हारा शर्मा के देखना हमें घायल कर दिया

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