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Freedom/YMPH-Daily-Writing-Challenge

17/08/2024 की प्रतियोगिता का विषय है “ Freedom” हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है

The theme of the competition for 17/08/2024 is “ Freedom ”. Read the poems of the talented poets associated with us. Love, fear, and darkness are the many meanings that keep the hearts of poets emotional. We respect such sentiments and it is our resolve to make their feelings adept. Every day, we give an opportunity to writers and poets to put their thoughts to pen through the Daily Challenge competition in our WhatsApp group on different Topic. And those who write best. You are reading those article on this page.

Freedom

Those chains of manipulations
Those walls of expectations
Those thorns of praises
And
Those flames of false support…

Shall break,
Shall break away…

That kingdom built on graves
That success filled with tears
That character with all devils
And
That appron with our own blood…

Should break away,
Should be released…

-Dr. Priyanka

ये कैसी स्वतंत्रता है…

हमारा भारत स्वतंत्र होकर भी स्वतंत्र नहीं,
खो गया है इसका गणतंत्र कहीं।
लग गई है हमारे देश को किसी की नज़र,
पर नहीं किसी को खुद के सिवाय किसी और की भी खबर।
कैसे करार दें हम इसको आज़ादी का,
यह तो मुल्क बनता जा रहा है बर्बादी का।
क्यों बच जातें हैं हर बार यहाँ दरिंदे,
और क्यों भुगतते रह जाते हैं यहाँ सभी मासूम और चुप रहने वाले परिंदे।
सब जानते हुए भी क्यों लोग बन जाते हैं यहाँ अनजान,
इस अनजानेपन और चुप्पी की वजह से ही तो बढ़ते जा रहे हैं यहाँ शैतान।
आज-कल कहाँ कोई फरेबी डरता है,
ये सच और सच्चा इंसान ही तो है यहाँ, जो हर पल रहता मरता है।
इसीलिए अनजान तो बनना पड़ता है,
वरना झूठ और फरेब, सच के खिलाफ ही लड़ता है।
पर करें भी तो क्या करें,
कब तक हम अकेले लड़ें?
सभी मिलकर सच के साथ तो आओ,
शैतानों के खिलाफ आवाज़ तो उठाओ।
जब नहीं खराब किया जाएगा यहाँ किसी का भी चरित्र,
तभी भारत कहलाएगा सच में पवित्र।
बदल जाएगा फिर भारत का चित्र,
और फिर हम गर्व से कह सकेंगे की यहाँ हर कोई है एक-दूसरे का मित्र।
तभी बनेगी बात,
अगर होंगे सभी साथ,
क्योंकि फिर दिन हो या रात,
नज़रें और नियत सबकी हो जाएँगी अपने आप साफ।
अगर तब भी होंगे शैतान तो वे होंगे सिर्फ चंद दिनों के ही मेहमान,
क्योंकि फिर होगी सभी सच्चे और अच्छे लोगों के पास सच्चाई, एकजुटता और न्याय की कमान।
स्त्री की होगी ऐसी पहचान,
कि सभी गाएंगे फिर उसकी शूरवीरता के गुणगान।
कोई अहंकार या गुस्से के साथ नहीं कहेगा की मैं हूंँ तुझेसे भी बलवान,
क्योंकि तब सबको मिलेगा यहाँ दर्जे, न्याय और हर एक चीज़ में बराबर और हक का स्थान।
जब बन जाएगा भारत ऐसा जहान,
फिर ही हम गर्व से कह पाएंगे कि हमारा भारत है सच में महान।

~Nitika

Freedom
I want freedom to live
I want to fly like a bird
Not to lie like a stone
Freedom must be there for making your decision
Even sometimes against your family
Freedom must be there to roam around
Not to commit a crime
Freedom to be became bold
Not to stole
I want to flow like the water in the ocean
I want to love myself
I want freedom to change myself
Freedom is to live your life in your way

Anushka Pandey

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