“ग़ज़ल/Ghazal” -YMPH Daily Challenge

18/06/2021 से 20/06/2021 की प्रतियोगिता का विषय है “Ghazal/ग़ज़ल”। हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है

अगर आप भी एक कवि या कहानीकार है और अपनी रचना को पन्नो पर उतारना चाहते है तो हमारा व्हाट्सएप्प ग्रुप अभी जॉइन कीजिये ।

First

Sakshi Tomar

“इश्क़”

मंजिल की तलब में जो घरो से दूर निकले है
कुछ हालात से कुछ इश्क़ से मजबूर निकले है…

कुछ को मोहब्बत के रिवाज़ों ने नकारा है
कुछ इम्तेहां -ए- जिंदगी से नामंजूर निकले है …

महफ़िल में चारों ओर जिनकी संगदिली के चर्चे थे
वो अक्सर बाद मरने के बेकसूर निकले है …

जिन्हें शिद्दत से हमने इश्क़ के दरिया में फेका था
वो पत्थर उनकी सोहबत में रहकर कोहिनूर निकले है …

और अब तो बस अहम से चूर है “साक्षी ” हर आशिक़
भला उल्फत के सफर से भी भला मगरूर निकले है ..!!

Insta id : sakshitomar_17

Second

Anjali Soni

न पूछो हमसे हालात-ए इश्क जनाब
वो चाँद बनकर आए थे,ज़िंदगी बना कर चले गए ।

पहली मुलाकात रूहानियत का सबूत दे गई
जाते जाते वो हकीकत का गवाह बन गए ।

दिन ढलता नहीं अब सूरज की धूमिल रोशनीं से
चिराग-ए ज़रिया बन दोनों जहाँ रोशन कर गए ।

ना रहा बस इश्क,ये रिश्तों का बंधन बन गया
हमारे दरमियाँ प्यार को इश्क-ए खुदाई बता गए ।

दुआ माँगती हूँ दिन-रात,खुद को अर्पित कर दिया है
वो ज़िंदगी को इंतज़ार-ए इश्क बता,हमें मुकम्मल बता गए ।

@nandini_9569

Third

Dr.(Major)Shital Jindal

इम्तिहाँ: ता-उम्र के इश्क का

दिल चाहता है कि रुक जाओ मगर शाम होने को है
कहना चाहूँ बहुत कुछ अभी, मगर शाम होने को है।

क्या ही कसूर है मेरा, बताया नहीं, और चले गये थे
आज पूछ लूँ ज़रा, क्या हुआ अगर शाम होने को है।

ज़िंदगी ने लिए इम्तिहाँ मुझसे लाखों दफ़ा, चुप रहे
चलो चलें संग संग किसी नई डगर शाम होने को है।

धड़कनें कहतीं हैं आज भी, कितनी बातें बिन कहे
बिन कहे न जाएँ थम ये, तिस पर शाम होने को है।

हाल-ए-दिल कह दो ‘शीतल’, शर्म-ओ-हया के परे
होने दो लौ-ए-इश्क, आज प्रखर शाम होने को है।
IG ID: Shital.jindal

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