13/09/2024 की प्रतियोगिता का विषय है “ Health” हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है
The theme of the competition for 13/09/2024 is “ Health”. Read the poems of the talented poets associated with us. Love, fear, and darkness are the many meanings that keep the hearts of poets emotional. We respect such sentiments and it is our resolve to make their feelings adept. Every day, we give an opportunity to writers and poets to put their thoughts to pen through the Daily Challenge competition in our WhatsApp group on different Topic. And those who write best. You are reading those article on this page.
Health
~Health ~
Our lives are incomplete without health, which encompasses physical, mental, and social well-being
maintaining a balanced lifestyle which involves proper nutrition, regular exercise, and mental health care is the key to enhancing overall quality of life being healthy inside out mind and body.
Poetess public speaker
By: Putri Misnia Shary Bahri
Stage name Mia.Ba
Health
“Health is wealth” rightly said,
It’s like treasure enhances if preserved,
Morning walk, yoga are its agents,
To keep us fit and fine till the end,
These agents circulate blood circulation,
Increase the efficiency of fighter cells,
And regulate oxygen to our whole body.
As you have to make efforts alone,
No oney accompanied you in your illness,
The world is selfish and mean enough,
To be with you in your good times only,
But in need fitness accompanied,
With better results and effects on future.
Parul
बचपन में सिखाया था
एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास और विकास होता है
पर बड़े रह कर कोई होश ही नहीं है
उलटा मन खराब कर, शरीर और विकास दोनों खराब कर लेते हैं।
सेहत का रखों ख्याल
तभी तो मन भी चलेगा।
विकास की और अगली चाल।
चिंता और चिंतन में अंतर है बड़े।
जो बस में है उसके लिए रास्ते हैं कड़े
जो नहीं है उसके लिए मत रहो अड़े।
चिंता है विकास के अवरोध का मूल कारण
कर दो बाकी सब ईश्वर को समर्पण।
जिंदगी की बस यही है कहानी
आधी हैं लिखनी(कर्म)
पूरी हैं निभानी(किस्मत) ।
इसमें सेहत को क्यों करते खराब
जब सब कुछ समजते हो जनाब।
छोड़ भी दो ये मारा मारी
सब कुछ जीतने की क्यों है इतनी तैयारी।
जो नसीब में होगा मिल जाएगा
और जो नहीं, कितना भी पकड़ लो उसे
आखिर में हाथ से निकल ही जाएगा।
सो सेहत का रखों ख्याल
तभी तो मन भी चलेगा
विकास की और अगली चाल।
-कृतिका अग्रवाल
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