Intoxication/YMPH-Daily-Writing-Challenge

25/11/2024 की प्रतियोगिता का विषय है “Intoxication” हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है

The theme of the competition for 25/11/2024 is “Intoxication”. Read the poems of the talented poets associated with us. Love, fear, and darkness are the many meanings that keep the hearts of poets emotional. We respect such sentiments and it is our resolve to make their feelings adept. Every day, we give an opportunity to writers and poets to put their thoughts to pen through the Daily Challenge competition in our WhatsApp group on different Topic. And those who write best. You are reading those article on this page.

Daily Writing Challenge Managed by Dr.Shruti

Intoxication

नशा

मद्य से भरे प्याला में मधुशाला,
जी छिड़कता देख सुंदर हाला,
मुझको भी चखा ये मधुर प्याला,
फिर दिखाऊंगा नशे का मधुशाला।

मदिरालय पर कब ताला पड़ा है,
यहां तो बस बढ़ता अमृत घड़ा है,
तुझको है ग़म तो खुशी बना ले,
भले ही नशा सड़क औचक गिरा है।

मृग नयन के शिकारी सब बैठे है,
अधरों के निशान सटीक लपेटे है,
यौवन झलकाती मचलती बाला है,
इसके भी नशे में चूर मधुशाला है।

नशा रोटी का सोने नहीं देता,
ज़िम्मेदारी रोने नहीं देता,
सजावट लाख बेकार लगती है,
जब नशा भूख की लगती है।

Sumit Kumar Bhaskar

नशा ने लोगों की ज़िंदगी में कैसी जगह बनाई है।
कभी आसमान छूती सीढ़ी, कहीं गहरी खाई है।
किसी को प्यार का नशा, किसी को ज़िंदगी का।
किसी ने दुश्मनी या शराब के नशे से ज़िंदगी गँवाई है।
Sunshine
Insta I’d bottom_heart_quotes

नशा

जबसे नशा किया उसने शराब का ,
तबसे होश में,
नहीं रहता वो कभी बस हर बार ,
किसी से शराब के लिए उधार मांगता,
बस यह नशा सारे परिवार के लिए,
घातक बन गया,
वो नशा करते करते एक दिन,
मरीज़ बन गया,
जिससे अब ता उम्र देखभाल की आवश्यकता होगी,
बन गया वो देखो एक रोगी बन गया,
देखो वो एक रोगी,

Kadambari gupta

Comments are closed.