A black and white image of a bridge

Modernity/YMPH-Daily-Writing-Challenge

07/09/2024 की प्रतियोगिता का विषय है “ Modernity” हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है

The theme of the competition for 07/09/2024 is “ Modernity”. Read the poems of the talented poets associated with us. Love, fear, and darkness are the many meanings that keep the hearts of poets emotional. We respect such sentiments and it is our resolve to make their feelings adept. Every day, we give an opportunity to writers and poets to put their thoughts to pen through the Daily Challenge competition in our WhatsApp group on different Topic. And those who write best. You are reading those article on this page.

Modernity

Modernity is Actually murdering……….,
A Purity of Culture……………
On the name of getting up to dated.
A Purity of Relationship………..
On the name of many options.
A Purity of Nature……………
On the name of Machines and Technologies’s Advancement.
A Purity of Society…………….
On the name of Superiority and Inferiority.
Preeti.A.R
Insta I’d simplepenningbypreetiar

”आधुनिकता”
जब जब पुराने पैमाने छोड़कर आधुनिकता ने
बदलाव चाहा….
समाज के कुछ अच्छे गुण
छूटते गए!
हमारे आधुनिक विचारों में विकास और सौहाद्र की बाते होनी चाहिए।
बदलाव सिर्फ पहनावे तक नहीं, संकीर्ण विचारों से कटुता का त्याग कर, पुरानी विनम्रता के साथ आधुनिक युग का निर्माण होना ही देश और समाज के लिए उपयुक्त मार्ग है।
ऐसा मेरा मानना है।
असहमति हो सकती है आप सभी गुणी विचारक हैं, इसके लिए क्षमा प्रार्थी हूं 🙏🏻
~vandana raiii ✍🏻

Modernity is not wearing torn jeans,
Modernity is looking good despite genes.

Modernity is not smoking and drinking,
Modernity is probing and thinking.

Modernity is not dancing in a pub.
Modernity is being the most attractive hub.

Modernity is not being an atheist,
Modernity is having faith in God, at least.

Modernity is not whiling away time,
Modernity is working along with time.

Modernity is not 1000 Instagram likes,
Modernity is getting real success hikes.

B.Raj Kumar.
Instagram ID: balasubramaniyan.rajkumar

Modernity
Modernity when joined with ,
Values and culture that gives,
A beautiful output as pure and
Broad minds can make good decisions.
Thinking should be positive,
Not hollow only to show off .
Being modern foreigners also prays,
And drown in the worship ,
But Indians these days create fun ,
Of religious values and beliefs,
So, modernity includes clear minds,
And positive thinking to spread goodness .
And stop being diplomatic and inhuman
Parul jain
@pj923985

Modernity
Modernity is a very wide term
It’s just doesn’t ask about to be modern by your look or gesture
But it also talks about inner modernity that’s from the thinking
or changing our mindset with today’s world.
Modernity is not wearing short dresses or wearing niker
And it’s not even that we should not wear it ,it’s good
But atleast at sacred place like temple
You should wear something ethnic with a covering over your head
We should be careful where to wear what
We don’t get time to go to temples
but we get time go to clubs
Modernity is not drinking or smoking
But it’s also in having in learning our customs
Modernity is not in making everything updated
But updation is needed but with no hurt to rituals and old traditions
Modernity is not making jokes or making videos of people in trouble
But instead of helping them to get of their problem
Modernity is not just saying we are modern
But also treating people with broad modern mindset.

Anushka Pandey

आधुनिकता

अमृता-इमरोज़ साहब: एक आत्मा की एक आधुनिक कहानी

एक युवा लड़के का एक बड़ी उम्र की महिला के प्यार में पड़ने की आधुनिकता क्या है?

एक ऐसे देश में सामाजिक संरचनाएं गहरी जड़ें जमा चुकी हैं, जहां सात फेरे सर्वोच्च सम्मान के साथ आयोजित किए जाते हैं और बढ़ते विवादों के बीच क्या प्यार को इसके सार के तथ्य से उचित ठहराया जा सकता है? या आदमी उस समीकरण में पूर्ण महसूस कर रहा है। जीवन एक आदमी के लिए प्रतिष्ठा, समाज और उसके बाद जीवन में समझौता स्थितियों के संबंध में एक गणितीय गणना है।

इमरोज़ साहब ने कभी भी इतनी मजबूत दिमाग वाली, बेहद साहसी अमृता प्रीतम से शादी की जिद नहीं की क्योंकि अमृता जी के साहिर लुधियानवी के बारे में पूरे देश को पता होने के साथ ही जीवन के प्रति उनकी अपनी समझ थी। इमरोज़ साहब भी साहिर के प्रति उनके जुनूनी प्यार से अच्छी तरह वाकिफ थे। दरअसल एक इंटरव्यू में इमरोज़ साहब बताया था कि उन्होंने कभी भी उनकी किसी भी भावना पर आपत्ति नहीं जताई। उम्र प्यार और साथ के लिए बाधा नहीं बननी चाहिए,बशर्ते कि दोनों साथी प्रतिबद्ध हों और काम करने के लिए तैयार हों।

बड़ा सवाल यह है: क्या प्यार में रहते हुए जीवन की सांस लेना महत्वपूर्ण है या उस ताज को पहनना है जो ताज महल (प्यार की कब्र) पर भी नहीं मिलेगा। प्यार एक अमूर्त भावना है और हंसी और अपने होने की भावना का का एहसास दिलाता है।अपने जीवन के चालीस से साल ऊपर एक ऐसी महिला से प्यार करने और उनके लिए स्टैंड लेने में बिताने के लिए इमरोज़ साहब को सलाम।प्यार में पड़ने के लिए समाज या अपनी अंतरात्मा के अधीन होना आधुनिकता की सही परिभाषा क्या है?इमरोज़ साहब की कविताओं की किताब, जश्न जारी है, अमृता जी की मृत्यु के बाद इमरोज़ की मनःस्थिति को दर्शाती है: जब मैं चुप हूँ और विचार भी चुप हैं, एक धीमी सी फुसफुसाहट सुनाई देती है, उनकी भावनाओं की, उनकी कविताओं की। इसी प्रकार अमृता जी की प्रसिद्ध कविता जो उन्होंने अपनी मृत्यु के समय इमरोज़ के लिए लिखी थी, इमरोज़ के प्रति उनके प्रेम की गहरी तीव्रता को दर्शाती है: “मैं तुमसे फिर मिलूंगी”

हो सकता है कि इमरोज़ साहब ने 21वीं सदी में ये पंक्तियाँ लिखी होती अमृता जी के लिए ,

“नैना दा कहना नी असी तेरा मुखड़ा देखते रहना नी, तू ते मेरी है ना इश्क़ दे इत्तर दे रूह तो लेना नी…”

-डॉ माया📖

“आधुनिकता”

जितनी मिलेगी जीवन को सुविधा,
उतनी ही बढ़ेगी जीने की दुविधा।

इंसा कदम भले ही तेरे चांद पर पड़े,
याद रहे पाव जमीन पे रख आगे बड़े।

आधुनिक के नाम संस्कार मत भूल,
इंसानियत ही तेरा वज़ूद है तेरा मूल।

सही दिशामे सुविधा विज्ञान का उपयोग हो,
इंसान इंसान के काम आए यहीं सहयोग हो।

आधुनिकता से आदर्श ना भूले कोई “सिद्धार्थ”
जो सादगी में जी गया वोही है सच्चा कृतार्थ।

– Siddharth Somani

 

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