hourglass, money, time-1703349.jpg

Patience/YMPH-Daily-Writing-Challenge

16/09/2023 की प्रतियोगिता का विषय है “Patience”। हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है

The theme of the competition for 16/09/2023 is Patience“. Read the poems of the talented poets associated with us. Love, fear, and darkness are the many meanings that keep the hearts of poets emotional. We respect such sentiments and it is our resolve to make their feelings adept. Every day, we give an opportunity to writers and poets to put their thoughts to pen through the Daily Challenge competition in our WhatsApp group on different Topic. And those who write best. You are reading those article on this page.

Patience

patience is a substance of time
to make a virtue out of waiting
patience is like the taste of lime
patience is the rule of turn-taking

Patience understands seasons
that there’s time for everything
And at the right time
life will balance up

Patience knows that no situation is permanent
patience is not quick to judge
Nobody knows it all
Patience doesn’t miss details
It delivers as and when due
patience is the root of a long life

© simply-segunola
IG – @simplysegunola

In patience, strength and wisdom bloom,
A virtue that lifts us from life’s gloom.
With steadfast heart and tranquil grace,
We navigate life’s challenging maze.

Like a tree that in stillness stands,
Patience roots us in shifting sands.
Through trials and storms, it’s our guide,
In the darkest hour, it’s by our side.

It’s the calm that tempers our soul’s fire,
A beacon of hope when the path is dire.
In the face of chaos, it whispers, “Wait,”
For patience knows not the rush of fate.

In patience, we find the power to endure,
To weather life’s storms, and to be sure,
That with time and faith, we’ll find our way,
In the gentle embrace of each new day.

So, let patience be your steady friend,
A virtue that’ll see you to the end.
With its gentle touch and unwavering might,
You’ll conquer the darkness, embrace the light.

_Ayushi Singh

अच्छा सुनो तुम् बस धैर्य रखो
जो बित गया उससे जाने दो
जो है उससे अपना वक्त दो।
जो होगा तम्हारे नसीब मे वो
कहा तुझसे दूर होगा,
देर सहि ,ज़रूर तेरा होगा।
माना वक्त लगता है कुछ हसीन चीज़ पाने मे
कइ बार सब गवाना परता है किसी एक को पाने मे
पर सुनो ज़रा धैर्य रखो ,
कुछ खुद पे कुछ खुदा पे विस्वास रखो

~करिश्मा कुमारी
instagram = wordbreeze0204

धैर्य और मेहनत करने वाले
भगवान भी होते उनके रखवाले
धैर्य है जीवन का वह आधार
इससे सपने होते हैं साकार
जीवन में जिसने धैर्य न रखा
वह सफलता का स्वाद न चखा
जिसने धैर्य को रखा ना बरकरार
असफलता का बनता यह आधार
धैर्य होती है एक आशा की किरण
मुश्किलें भी करती हैं आत्मसमर्पण

खुशी सोनी

सब्र में तुमको कई बार खो चुका हूं,
सब्र के शिवां फिर भी मेरे पास कुछ नहीं…।

Rishabh Bhatt
Insta – @itself_kalamkar

तब्दीली-ए-सूरत

क़ामयाबी फ़क्त इक लम्हा है, गर्दिशों ने है संवारा मुझे
मशक्कतें जो लगीं ज़ाया, अब हाथ में लिए मुकद्दर हूँ

मयस्सर नहीं था साहिल, मिला है लहरों में किनारा मुझे
आया था बनकर एक कतरा, इस मर्तबा समंदर हूँ

ता-उम्र देखने मिला है, मैदान-ए-जंग का नज़ारा मुझे
मामूली-सा शहसवार था, हाल ये है कि सिकंदर हूँ

ज़रा दीदार कर लें अपना, मिला है रूह का इशारा मुझे
कभी खुदकी भी खबर न थी, आज साथ लिए लश्कर हूँ

आशुतोष दुबे

IG- ashutoshdubey

सब्र…
हमने तो इसको भी सब्र जाना ।
धूप थी हर सु और अब्र जानां ।।

ला उबाली सी रहती है तबियत में।
उम्र ए नादाँ से नही होता सब्र जानां।।

कब्र ही है जब आखरी मंजिल ।
हमने इस कर्ब को भी सब्र जानां।।

अब निगाहे करम जो कीजे तो क्या।
जिंदगी को आ गया सब्र जानां ।।

ला शऊरी थी तो मस्त थी बहुत ।
शऊरे जीस्त ने इसको जब्र जानां ।।

कब गुज़रती है सहल राते अब ।
हिज्र में होता नही सब्र जानां।।

लईक़ अहमद अंसारी

सब्र
तुमसे गर राब्ता नहीं होता ।
रास्ता- रास्ता नहीं होता ।

मंजिलों को तलाशते लेकिन,
मंजिलों का पता नहीं होता ।

तुम नहीं हो अगर नहीं है कुछ,
तुम जो होते तो क्या नहीं होता ।

होके बरबाद शाद रहते हैं ,
बस मज़ा ही मज़ा नहीं होता ।

प्यार है इंतज़ार सदियों का,
सब्र तुमको ज़रा नहीं होता ।

प्यार है सब में खुद को पा जाना,
प्यार में दूसरा नहीं होता ।

नीरज निश्चल

Insta – Neerajnishchal

Comments are closed.