Picture Prompt/YMPH-Daily-Writing-Challenge

27/11/2024 की प्रतियोगिता का विषय है “Picture Prompt” हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है

The theme of the competition for 27/11/2024 is “Picture Prompt”. Read the poems of the talented poets associated with us. Love, fear, and darkness are the many meanings that keep the hearts of poets emotional. We respect such sentiments and it is our resolve to make their feelings adept. Every day, we give an opportunity to writers and poets to put their thoughts to pen through the Daily Challenge competition in our WhatsApp group on different Topic. And those who write best. You are reading those article on this page.

Daily Writing Challenge Managed by Dr.Shruti

Based on Picture

सूरज की लालिमा सागर छोर पर,
बंधा हर एक दूसरे के डोर पर,
खिलखिलाती एक सोन परी,
हवा में उड़े नादान बे सबरी।

न होशो हवास का खबर है,
ना ही पांव में कोई पाखर है,
ये हर्ष उल्लास का ख्वाब है,
या नए उमंग का आदाब है।

इन गुब्बारों में कई रंग बिखरे है,
सुन जरा जो नए रंग निखरे है,
हवा की जोश में बहती है बाते सभी,
संभाल लूं खुद को कोई तो कहे कभी।

उमंगे साहिल सी लबालब लगती है,
ज़िम्मेदारी ताप भास्कर सी जलती है,
छोटी खुशियां गुब्बारों में समा गई है,
मुट्ठी भर खुशियों पर नाज करते क्यों भई।
_#भारतीय सम्राट

जिंदगी के उस छोर

चल चलते हैं वहां जिंदगी के उस छोर ,
जहां जाता है जीवन खुले आसमान की ओर,
वहां न कोई बंदिश न है किसी का जोर ,
चल चलते हैं वहां ज़िंदगी के उस छोर।

खिलखिलाता है सूरज जहां सुनहरी है भोर ,
देख जगत के नए रंग जहां नाचे मन का मोर,
दुख का ठिकाना नहीं बस खुशियों का है शोर,
चल चलते हैं वहां जिंदगी के उस छोर।

जहां रात जगमगाए न हो अंधेरा घनघोर
बस बढ़ते जाए आगे थामे आशा की डोर
मूल पात्र जहां हम हो न हो कोई और
चल चलते हैं वहां जिंदगी के उस छोर।

Shivee mishra 🖊️
@shivee.m

वो उड़ना चाहती है
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वो उड़ना चाहती है,
बेखौफ, बेपरवाह,
आज़ाद होकर
हर बेड़ियों को काट कर
अपनी ख्वाहिशें पूरी करने को
अपने सपनों को पंख दे
स्वच्छंद आसमान में
सूरज की बिखरी नारंगी छटा सा
वो बिखरना चाहती है
अपने हुनर के साथ
मालूम है उसे अपनी मर्यादाएं
अपनी सीमाएं

फिर वो ज़रा ठहर जाती है
कुछ सोच कर…
हाँ.. बहुत कुछ सोच कर..
वो सहम जाती है कभी
स्त्री होने के एहसास से
सिमटती जाती है फिर
सीमित दायरे में
अपने वूजूद को बचाने को शायद

पर उसके मन में
हमेशा से हिलोरे मार रहा होता है
उसके सपने, उसकी ख्वाहिशें
और उन ख्वाहिशों को,
उन सपनों को
पूरी करने के जज्बे,
और वो जीती है बड़े ही कश्मकश में

कि वो देखती है जब भी
आसमां की ओर
वो उड़ना चाहती है
बेखौफ, बेपरवाह,
आज़ाद होकर
हर बेड़ियों को काट कर…..

Saritta Garii
Insta I’d- sarita_writes

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