“Scenes of book/ किताबों का मंजर”

03/07/2021 से 05/07/2021 की प्रतियोगिता का विषय है “Scenes of book/ किताबों का मंजर” । हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है

अगर आप भी एक कवि या कहानीकार है और अपनी रचना को पन्नो पर उतारना चाहते है तो हमारा व्हाट्सएप्प ग्रुप अभी जॉइन कीजिये ।

First

जख्म देते हुए उसके हाथ मे ख़ंजर नही देखा
एक अरसे से कोई रास्ता बंजर नही देखा
ये कल्पना का आईना अब तोड़ क्यों न दूं
बहुत दिन से ही खुद मे झांक कर अंदर नही देखा

लिखा कुछ भी नही
न होठों से कोई बात निकली है
कब से सोच में डूबा हुआ न दिन कोई गुजरा
न हर्फ़ की तफ़्तीश में कोई रात निकली है

लफ्जों के दरिया में कब से कोई बवंडर नही देखा
कलम हाथों में न पकड़ी , एक शेर भी पढ़कर नही देखा
कब से किसी शायर का हाल -ए- दिल नही परखा
एक मुद्दत से नजरों ने किताबों का मंजर नही देखा ..!!

Sakshi Tomar
Insta id :Sakshitomar_17

Second

Scenes of book…❤

Like a movie, book is a play..
Every character has a role, can say…

Every chapter is an episode..
Sometimes high or sometimes in a low mode…

What happen next, there is always an excitement..
Every chapter has a suspense related to different sentiments..

Sentiments are on every page…
And we can say every page is a scene…

Scenes if book… Are an imagination..
Yess! Every scene brings you at a special destination..

It gives you experience
sometime a special feeling..
Every scene is in itself a dealing❤..

Zeenat
al.fi7709

Third

चश्मों मे कैद इन निगाहों को
किताबों का मंज़र राहत दे जाए ।
कूद पडे दिल भी,
इस सोच मे
के चलो आज एक नए दोस्त से दोस्ती की जाए।।
बेजुबान सा वो दोस्त
क़िताबों के मंज़र से आता हे,
लिखे अल्फ़ाज़ों मे वो
मुझे अपना हाल बताता हे,
बातों से अपनी
कभी गुदगुदाता
तो कभी खूब रुलाता है ।।
हर पल अब दिल भी मेरा
साथ उसी का चाहता है
हो भी क्यों न
दोस्ती उस जैसी
कहा,कोई और निभा पाता है।।

©Disha Kedia
Insta id @khamoshiyonkibhasha