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Sexual harassment/YMPH-Daily-Writing-Challenge

16/08/2024 की प्रतियोगिता का विषय है “ Sexual harassment” हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है

The theme of the competition for 16/08/2024 is “ Sexual harassment”. Read the poems of the talented poets associated with us. Love, fear, and darkness are the many meanings that keep the hearts of poets emotional. We respect such sentiments and it is our resolve to make their feelings adept. Every day, we give an opportunity to writers and poets to put their thoughts to pen through the Daily Challenge competition in our WhatsApp group on different Topic. And those who write best. You are reading those article on this page.

Sexual harassment

Sexual harrasment/ यौन उत्पीड़न

अंकल..! डर लगता हैं मुझे
डर लगता हैं मुझे आदमी की मुस्कान से
डर लगता हैं मुझे गली के हर मकान से
डर लगता है मुझे गोद में बच्चियों को खिलाते आदमी से
डर लगता हैं मुझे ख़्वाब दिखाती ज़िन्दगी से
डर लगता हैं मुझे बाहर निकलने से
डर लगता हैं मुझे सजने संवरने से
डर लगता हैं मुझे, मुझे देखती हर नज़र से
डर लगता हैं मुझे किसी के आने कि खबर से
हर आहट से घबराने लगी हूं मै
अपने बचपन से दूर जाने लगी हूं मै
मां कहती है मेरी हसती खेलती बेटी को किसकी नज़र लग गई है
एक डर भरी उदासी मेरे चेहरे पर लग गई है
मेरी आंखो से आंसू भी नहीं आते, मै जानती ही नहीं मेरे साथ क्या हुआ है
सात बरस की उम्र में ख़ुद से नफ़रत होने लगी है मुझे
जब से आपने छुआ है ना अंकल, लग रहा है मै वक्त से पहले जवान हो गई हूं
अंकल मै बार बार नहा कर परेशान हो गई हूं
एक नए खिलौने की लालच में आपका खिलौना बन गई थी मै
देह कह बिछा हुआ बिछौना बन गई थी मै
एक बात पूछूं अंकल…?
आपकी भी तो एक बेटी है ना
आप बहुत प्यार करते हो उससे
तो जब आप मेरे शरीर से खेल कर अपनी भूख मिटा रहे थे आपको उसका ख्याल नहीं आया
मै भी तो आपकी बेटी जैसी हूं ना, उसका चेहरा याद कर आपको थोड़ा भी मलाल नहीं आया
डरती हूं मै
कहीं आप जैसा जाना पहचाना कोई उसकी आबरू पर हाथ ना डाले
और उस अपनी हवस का शिकार ना बना ले
डर लगता है अंकल डर लगता है

~राहिल (प्रिंस)
@prince_of_hearts_01

It has been years.
I still feel that touch,
Lurking in the corners of my body,
A drop of tear I’ve hidden and kept safely,
I won’t let it roll down my cheek,
I run, run, run,
I hide from myself,
The pain reaches down my throat,
And hijacks my body,
I am living with this touch,
I see that little girl,
I see her trembling lips,
I see her tears, in the mirror,
Every now and then,
She speaks to me,
Yet,
I’m a soldier returned from my battle,
I survived the war,
The wounds are still fresh anew,
It bleeds on my diary at times,
Perhaps,
This wound won’t be marked as bravery,
These scars won’t be rejoiced like that of a warrior.
My survival won’t be honored but shamed,
The cuts would bleed
The diary would scream
The fear would smile,
I would smile back.
The abyss would stare,
And I would live,
The life of
A warrior.
Returned from the warground,
With marks of terror
Horrifically beautiful,
Extravagant and rare.
Eyes filled with courage,
Speaking of my spirit
My fight and my fear.
I would live,
The life
Of a warrior,
Unnamed, unsung,
Unknown, not clear,
Shamed, betrothed,
A survival to spare.
—- Srijita Chanda ✒

यौन उत्पीड़न🥹
कदम कदम पे हैवानियत सताती है,
खुद की परछाई भी लड़कियों को डराती है।
सपने पूरे करने जब वो घर से निकलते है, लोगों की आंखे देख कर वो मन ही मन बिलखते है।
क्या होगा जब सब लड़कियां खौफ से न जी पाएंगे,कैसे कोई सांस ले लेंगे कैसे मर्द पे भरोसा कर पाएंगे।
जब पढ़ने वो घर से निकले, सोचे रास्ते में कोई लड़के न मिले।
जब लगे खूबसूरत होना ही गुनाह है तो कही कोई अपने चहरे को कैसे न ढकले ये तब भी अपनी औकात दिखायेंगे ये कहां चहरे पे तरस खाएंगे ,
इनकी इरादों से तो आंखे शर्म से अपनी झुक जाती है,पापा कहते नही थकते मेरी बेटी शाम से 6बजे घर आ जाती है।
क्यों लड़कियों को ही बंदिश में रखना जरूरी होता है,इन लड़कों से पूछो की इनके लिए क्यों हवस ही जरूरी होता है।
कुछ हवसी की खातिर पूरे पुरुषों को सहना पढ़ता है ताने,
कोई किसपर कैसे यकीन करे और कैसे इन्हे पहचाने।
मंदिर मस्जिद के नाम पर मर मिटने वाले को एक लड़ाई ऐसी लड़नी होगी,
घर पर बेटी से पहले बेटे को कहें कि सब लड़कियां तेरी बहन जैसी होगी।
Miss chandrika
Pithora chhatisgarh

संस्कारों का हवाला लड़कियों को देना बंद किजिए,
और,,,,,,,
लड़कों को इज्ज़त की क़ीमत सीखाना शुरू किजिए।
It’s the need of Time.

Preeti.A.R

sexual harassment

Oh poor! You voiceless domestic lady,
For you must respect the elderly and royalty.
Oh poor! You thought to make feeble lives steady,
Yet you’re life’s at stake, it’s such a pity.
Oh poor! You fear the silence of night
Or is it the lusty monsters hiding in it, you fright?
-Ananya Bahinipati

यौन उत्पीड़न
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नोच डाला जिस्म के हर अंग को
अरे हवसी कौन सी हवस तुमने पाई है
क्या नारी का सकुशल जिंदा रहना
एक कठोर जंग, एक लड़ाई है ?

है आज़ाद ये देश मगर
मेरी आज़ादी क्यों छीन लिया
क्यों तड़प दिया मुझे, क्यूं जिल्लत दी
मुझे कांटों के क्यों अधीन किया

हूँ नारी तो क्या मैं खाख हूँ ?
बुझी हुई इक राख हूँ ?
क्यों रौंदी गई मासूम सी कली?
क्यों तोड़ी गई इक शाख हूँ ?

जिस अंग ने जना तुझे,
मिला जीवन तुम्हें जिस कोख से
छलनी किया क्यों, वो तन तुमने
कलंकित किया अपनी भूख से

हे कृष्ण अब अवतार लो
ये दिल दहलता जाता है
तेरी रची दुनिया में अब,
मेरा मन बहुत घबराता है

या तो चले आओ कृष्ण खुद ही
ये चीर हरण अब रोक लो
या तो उस दुर्जन आत्मा को
अब न कोई कोख दो

यूं सशक्त कर के भेजो
वो बेटी खुद ही लड़ सके
माँ कालिका का रूप ले वो
खुद की रक्षा कर सके

हर रोज़ की ये चित्कारें
तिल-तिल कर मार जाती है
रक्त के हर कतरे में मेरे
नफ़रत ही भरती जाती है

दिल का एक कोना हमेशा
इक भय में जीता जाता है
हे कृष्ण अब अवतार लो
मेरा मन बहुत घबराता है

मेरा मन बहुत घबराता है…

Saritta Garii
Insta I’d- sariita_writes017

Sexual Harrasment
We don’t want that you treat us like goddesses
But atleast consider us human like you
Who also has the right to live
Don’t kill her
She is the future of tomorrow
If you have the right to work at office safely
So,Why I don’t have this freedom
Why I have think twice to go out for a walk
Why I go anywhere freely
Our parents don’t feel safe to allow us go anywhere alone
Our parents don’t want to give birth to us
Because they will feel ashamed when someone rape us
We don’t feel good when someone sees us continuously
Why we are don’t safe?
We are not safe even after becoming doctor,lawyer or any officer
A girl doctor went to hospital for saving the lives of her patients but what she got in returned harrasment and killed
Do their parents don’t have the right to live with her daughter
Why they don’t understand our feelings
We also want to live after a lot of struggles ,we achieve something
In returned, instead of respecting us you molest us ,and do acid attack, harras us sexuality and make us feel low
Please make us feel safe at our society and workplace

Anushka Pandey

Those sparkling eyes
Made me fall in my vision…
That cheerful smile
Snatched all my childhood fun…
That supporting hand
Stabbing behind my back…
And
Those sweet words and kind gestures
Chocked me without death…

That disguised heart
Tore my soul in half…

Why that hidden human
Became a monster once again?

-Dr. Priyanka

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