01/10/2023 की प्रतियोगिता का विषय है “Sunrise”। हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है
The theme of the competition for 01/10/2023 is “Sunrise“. Read the poems of the talented poets associated with us. Love, fear, and darkness are the many meanings that keep the hearts of poets emotional. We respect such sentiments and it is our resolve to make their feelings adept. Every day, we give an opportunity to writers and poets to put their thoughts to pen through the Daily Challenge competition in our WhatsApp group on different Topic. And those who write best. You are reading those article on this page.
Sunrise/सूर्योदय
सूरज सा सुबह उगना और शाम सा ढल जाना ।
देखा है बहुत हमने इस जी का बदल जाना ।
राहों में बहुत होंगे जंगल ओ नदी पर्वत,
तुम राह बनाके कोई चुपके से निकल जाना ।
इश्क और आग मे है कुछ फर्क नहीं ज्यादा,
दोनों से अगर खेलो वाजिब ही है जल जाना ।
गिर-गिर के संभलने में है लुत्फ न चलने का,
चलना है तो गिरने से पहले ही सम्भल जाना ।
अहसासों की नदियों का पानी न कभी सूखे,
गर आये ज़रूरत तो तुम खुद ही पिघल जाना ।
नीरज निश्चल
Insta -Neerajnishchal
SUNRISE
Sunrise for me is always a beacon of hope
A new day
New possibilities
New chance for happenings to happen.
As I peeped out of my blanket
The world was dark
But the promise of dawn
Was not afar.
All around it was dark and gloomy
Like the conclusion of a sad sad movie
At the flick of an eye
The world turned orange
Changing hues from pale to vibrant.
Birds flew out of their abode and nests
To pay their obeisance
By fluffing their crests.
Rivers turned to a molten gold
The sea too turned bright
Overhead
the sky turned to crimson orange
And the world was bathed in light.
Shompa Banerjee
सूर्योदय
दिनकर के उगने से फैला दुनियां में उजियारा,
खिल उठे कमल, उड़ चले विहग, दिन है कितना प्यारा।
नई आशा लेकर आता है सूर्य हमेशा प्रात:काल,
नई ऊर्जा से, त्वरित वेग से सब लग जाते अपने काम।
कोई करता पूजन उठकर, कोई देता अर्घ्य,
कोई योग करें प्रात:, कोई ध्यान करें सहर्ष।
विद्यार्थी चले विद्यालय अपने, उद्देश्य है इनका विद्यार्जन ,
कृषक चला खेतों पर अपने, उगाएगा यह नई फसल।
सूर्य उगे तो इस पृथ्वी पर चल पड़ता है जीवन,
सूर्य देव ही भरते हैं सबके प्राणों में ऊर्जा हरदम।
स्वरचित उर्मिला वर्मा
Instagram ID urmilaverma11
Sunrise
Emerging from slumber, with newfound zeal,
A burning ember of hope, a radiant appeal.
With fresh plans and tasks, the day takes flight,
Before the sun dips, in the soft evening light.
Sunrise ignites the spirit, like a blazing pyre,
Fueling our dreams with a passionate fire.
But as noon arrives, with its sweltering tune,
Enthusiasm wanes, like a fading monsoon.
Yet fret not, for with each new morn’s grace,
Our spirit rekindles, at a steady pace.
Sunrise, a reminder, of life’s endless prize,
A daily renewal, under awakening skies.
Megha Mamlekar
mamlekar_megha
Sunrise
Sunrise symbolizes hope
Sunrise came with a new ray of hope
Hope that every night has a day
Hope that every evening has a morning
Hope that darkness has a bright side
Hope that patience will turn everything in a good way.
Hope that bad days will turn into good ones
Hope that these dark clouds will vanish
Hope that we will start a new beginning
Hope to win every heart
Hope to stand on my own
I love sunrise
My favorite color is the sunrise
Sunrise are like miracles in every life
Sunrise gave up opportunities
Sunrise is dedicated to the glowing rays of a startup.
Anushka Pandey
मशालों में शमा न हो, अंधेरी हर डगर लगे
सहर में सूर्य बन जलेंगे, पर जलेंगे ज़रूर
उजाड़ कर गुलज़ार, इमारतों का घर शहर लगे
किसी आँगन में फिर खिलेंगे, पर खिलेंगे ज़रूर
आशुतोष दुबे
लाल रंग की लालिमा लिए, मुस्काता सूरज।
खाबों को पूरा, करने को दर्शाता सूरज।
मंद-मंद नदिया, धारा संग बहती है।
रुकते नही है क़दम, हर पल कहती है।
भोर भई, चिड़िया अपने सुर में गाती है।
मन रखना निश्छल, ऐसी बात बताती है।
हरे रंग की हरियाली, चारों ओर छाई है।
घिरे है दुख के बादल तो क्या? सब मिटाने आयी है।
डूबता सूरज भी, लालिमा रंग ही लाता है।
सपने बुन ले तो कल के, क्यों घबराता है?
मन प्रफुल्लित, जग उज्यारा, मन भाए।
नई रोशनी पिरोकर, सपनो में पंख लगाए।
©Nilofar Farooqui Tauseef✍️
Fb, ig-writernilofar
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