05/09/2024 की प्रतियोगिता का विषय है “Teachers” हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है
The theme of the competition for 05/09/2024 is “Teachers”. Read the poems of the talented poets associated with us. Love, fear, and darkness are the many meanings that keep the hearts of poets emotional. We respect such sentiments and it is our resolve to make their feelings adept. Every day, we give an opportunity to writers and poets to put their thoughts to pen through the Daily Challenge competition in our WhatsApp group on different Topic. And those who write best. You are reading those article on this page.
Teachers
Ideal Teacher’s:-
Pure , bold with a strong bond;
Guide students with moral thoughts of life;
Wide and widespread imagination of teaching;
Help students in every path of life;
Shreya Ghosh
ghoshshreya469
शिक्षक
गुरु द्रोणाचार्य और उनकी शिक्षाएँ
द्रोणाचार्य को एक कुशल धनुर्धर के रूप में अपनी कुशलता साबित करके और राजकुमारों को प्रभावित करके यह भूमिका मिली। वह एक सख्त शिक्षक थे, जो न केवल अपने छात्रों के कौशल का परीक्षण करते थे, बल्कि अपने प्रति उनकी वफादारी का भी परीक्षण करते थे। द्रोणाचार्य ही वह कारण हैं जिनकी वजह से अर्जुन न केवल एक उत्कृष्ट धनुर्धर बने, बल्कि धर्म के कर्तव्यनिष्ठ अनुयायी भी बने। द्रोणाचार्य को मुख्य रूप से भीष्म ने कुरु वंश के राजकुमारों को तीरंदाजी सिखाने के लिए नियुक्त किया था। जब पांडव और कौरव उनसे शिक्षा प्राप्त कर रहे थे, तो अन्य देशों के कई राजकुमार भी उनसे शिक्षा प्राप्त कर रहे थे। “द्रोणाचार्य” के नाम से सम्मानित द्रोण वीरों के गुरु थे। उन्होंने अर्जुन और कर्ण जैसे प्रसिद्ध महाभारत नायकों को शिक्षा दी। बृहस्पति के अवतार और परशुराम के छात्र, द्रोण हथियारों के सच्चे स्वामी थे। अर्जुन द्रोण के पसंदीदा छात्र थे। निःसंदेह द्रोण अर्जुन के प्रति पक्षपाती थे; वस्तुतः अर्जुन के प्रति उनका प्रेम अपने पुत्र से भी अधिक था। कोई भी महान शिक्षक केवल तभी रोमांचित और संतुष्ट महसूस करेगा जब उसका छात्र उत्कृष्ट प्रदर्शन करेगा और द्रोण भी ऐसे ही थे। एक कहानी के अनुसार, द्रोणाचार्य द्वारा अपने शिक्षक बनने से इनकार करने पर, एक भील (एक पिछड़ी जनजाति) के पुत्र एकलव्य ने द्रोणाचार्य की एक मूर्ति बनाई थी। , उन्हें अपने शिक्षक के रूप में स्थापित किया, धनुर्विद्या सीखी और इतने विशेषज्ञ बन गए कि अर्जुन भी उनकी विशेषज्ञता से डरते थे और सोचते थे कि एकलव्य उनसे आगे निकल जाएगा। इस पर, द्रोण ने गुरु-दक्षिणा के रूप में एकलव्य के दाहिने हाथ का अंगूठा मांगा (शिक्षा पूरी करने पर शिक्षक को दिया जाने वाला उपहार) और पूरे मन से एकलव्य ने अपने दाहिने हाथ का अंगूठा काटकर गुरु द्रोणाचार्य को उपहार में दे दिया। एक महान शिक्षक के रूप में द्रोणाचार्य की कथा और योद्धा भारतीय सामाजिक परंपराओं को दृढ़ता से प्रभावित करके हिंदू पौराणिक कथाओं से आगे निकल जाता है। द्रोण ने महाभारत महाकाव्य में नैतिकता और धर्म के बारे में महान बहस को प्रेरित किया।
स्वलिखित मौलिक कॉपीराइट संरक्षित लेख
-©®डॉ माया📖
शिक्षक
ज़ाया हो रही थी जिन्दगी फिजूल में
उलझें हुए थे हम अनगिनत सवालों में
तय था कि खो जाएगा मेरी किस्मत का सितारा ,
अस्त होकर मिल जाएगा किसी अंधकार में……
तभी जिन्दगी के अंधरे को दूर कर
उदय हुआ भोर का तारा ,
तब रोशन हुआ जीवन सारा
और गुरू का हुआ पदार्पण,
ज्ञान मिला गुरु से मुझे इस कदर
मैं कर्ज़दार हो गया उनका उम्रभर……
Shraddha Bhatt
*Teachers’ Day: A Tribute to Those Who Shape the Future*
Teachers’ Day is a celebration of one of the most noble professions—the individuals who dedicate their lives to educating, inspiring, and nurturing young minds. More than mere conveyors of information, teachers ignite curiosity, guide personal growth, and help students discover their potential. Their influence extends beyond the classroom, shaping the leaders, innovators, and thinkers of tomorrow.
On this special day, we honor teachers for their patience, dedication, and passion. They are the pillars of education, often working tirelessly behind the scenes to ensure that each student has the opportunity to succeed. In a world that constantly changes, teachers remain steadfast in their commitment to knowledge and wisdom, reminding us that education is not just about facts, but about the values and skills needed to navigate life.
So, to every teacher—thank you for your endless efforts, your belief in your students, and for making a lasting impact on countless lives. Happy Teachers’ Day!
Beena Chande
The best lessons one can ever receive are disguised in all the experiences we have in life. I would like to thank each and every one of you who has been part of different chapters in my life and taught me something new each time.
Happy Teacher’s Day
Twinkle,Kolkata
मां बाप के बाद ईश्वर का
स्थान जिसने पाया है!!
वो गुरु है जिनके चरणों में
ये संसार समाया है!!
हमारे सपनों को जमीं से
आसमां तक जिसने पहुंचाया है!!
कभी भी हारना नही है,
ये सबक जिंदगी उन्ही ने सिखाया है!!
मां बाप के बाद वही है
जिसने प्यार से सहलाया है!!
कभी नरमी तो कभी
शक्ति से जिसने समझाया है !!
मां बाप के बाद ईश्वर का
स्थान जिसने पाया है!!
वो गुरु है जिनके चरणों में
ये संसार समाया है!!
© Namrata Mahato
Their suggestions
have always helped much,
To bring out our plans in action
They all have always been my inspiration,
I thank them for this lod of admiration!!!
They have been guide for so many children
Who had helped them to reach their junction!!
We #function better…
Because they never #malfunction.!!!
“We are better” , their this assumption..
Really helps in our stress reduction!!
I Thank them for this ,
Education’s conduction….
That rescued our life from destruction!!!!
Today, we celebrate , our mentors, and we express our deepest gratitude for all that they’ve done.
Happy Teachers’ Day!
Written by – Anushka Malpani
Instagram Id – anushkamalpani
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