Towards Life : जिंदगी की ओर आज का विषय है । हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । जिंदगी की ओर – हम ही से हम तक ही आते है ये ख़्वाब । तुम तक जाते तो मुक़म्बल हमारी याद भी होती । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है ।
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YMPH DAILY CHALLENGE के आज के विजेताओं की कविता को पढ़िए ।
जिंदगी की ओर – YMPH DAILY CHALLENGE WINNERS
First | Khushi Tank |
Second | Neha Tripathi |
Third | Drashti Bhajda |
Special Writeup | Akshay Patel |
Khushi Tank Writeup – Towards Life
Towards life
We all respect our promises,
Commence by holding a figure,
And leading it towards our dreams
Towards life
We all own our own spaces,
To be apart from the crowd
To outbid ourselves
Towards life
We humans need to be humans
For the sake of omnipotent or omnipresent.
Towards life
There is solely one authenticity that is death else is hypothesis.
Khushi Tank
Neha Tripathi Writeup – जिंदगी की ओर
जिंदगी शब्द है खुद में ही इक राज,
कोई न समझा अब तक कैसा है ये साज़।
करूँगी संघर्ष मैं हो कितने भी मुश्किल दौर,
मुझको तो चलना सदैव जिंदगी की ओर..।
नफरतों के दर्द हैं सबके मुखड़े से हटाने,
एकता के दीप घर-घर में हैं जलाने ।
जिसके लिए चाहिए विश्वास की इक डोर ,
मुझको तो चलना सदैव जिंदगी की ओर..।
जब-जब भी मैं चढ़ी दु:ख-दर्द के नाँव,
प्रतिक्षण मुझे मिली मातृत्व की छाँव ।
पितृत्व सहारे पार कर गई मैं बाधाएँ घनघोर ,
मुझको तो चलना सदैव जिंदगी की ओर..।
धूप में मेरे संग चली जिंदगी बनकर साया,
किंतु तम ने मुझपर अपना अधिकार जमाया।
निशा अभी कट जाने दो मैं देखूँगी कल का भोर ,
मुझको तो चलना सदैव जिंदगी की ओर ..।
यद्यपि जीवन की है इक अजब परिभाषा,
सँवर गई तो जन्नत वरना सिर्फ तमाशा ।
जिसके न कोई शुरू की बिंदु न है अंत का छोर ,
मुझको तो चलना सदैव जिंदगी की ओर …।
Written by-Neha Tripathi
Drashti Bhajda Writeup – जिंदगी की ओर
जिंदगी की ओर मेरा पहला कदम एक प्यारी सी मुस्कान के साथ हुआ था। अपनो के साथ में गिरते संभलते ,कुछ खट्टी मीठी यादों के साथ ऐसे ही कट जाता है।
राह में चलने चलते कभी काँटो की चुभन पाई थी तो कभी फूलो की बरसात। रास्ते में से सीख लेकर जिंदगी की ओर जाने का फैसला किया था। मिलना बिछड़ना ये सब जीवन के अहम पहलू होते हैं, ये सब साथ में लेके आगे बढ़ना होता है ।
जिंदगी बहुत छोटी है , हम बड़ी खुशिया पाने के लिए हमारी छोटी छोटी खुशियों को भूल जाते हैं। सारी दुनिया भर की खुशियों के लिये हमें जिंदगी को गले लगाना चाहिए ।
जीवन एक पहिया जैसा होता है उसका ये चक्र चलता रहता है फिर भी सारे सुख और दुख का सामना करते हुए भी जिंदगी की ओर चल पड़ना यही जिंदगी है।
Written By –Drashti bhadja
Akshay Patel – Special Writeup – जिन्दगी की ओर
ज़िंदगी की ओर चलना है
ना तुमे पीछे रहना है ना मुझे
बस युही सुख दुःख साथी रहना है
यहीं उम्मीद से ज़िंदगी की ओर चलना है
चाहे जितनी मुश्किल आये
कुछ भी हो हार नहीं मानना है
जेसे नदी पहाड़ में से आती है
वैसे हमें ज़िंदगी की ओर चलना है
है साथ मातृत्व की छाया
है साथ पितृत्व का बल
फिर क्यू पीछे हटना है
हमें तो ज़िंदगी की ओर चलना है
ना कोई अनुभव मेरे पास है
लेकिन नीचे गिरा ने वाले बहुत है
है विश्वास खुद और तुझ पर
इसलिये मुझे ज़िंदगी की ओर चलना है
Written By – Akshay Patel
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