“परवरिश/Upbringing” -YMPH Daily Challenge

22/06/2021 से 24/06/2021 की प्रतियोगिता का विषय है “Upbringing/परवरिश”। हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है

अगर आप भी एक कवि या कहानीकार है और अपनी रचना को पन्नो पर उतारना चाहते है तो हमारा व्हाट्सएप्प ग्रुप अभी जॉइन कीजिये ।

First

Anjali Soni

परवरिश

परवरिश शब्द हम बचपन से सुनते आए होंगे ।कभी फ़िल्मों में, कभी सीरियल में, कभी बड़ों के मुँह से,या हो सकता है कभी खुद ही ये शब्द किसी को बोला हो । कभी-कभार बच्चों से कोई गलती हो जाती है तो पड़ोसी ही कह देते हैं-“कैसी परवरिश दी है तुम्हारे माँ बाप ने ?” इत्यादि इत्यादि ।

पर परवरिश असल में होती क्या है ?
जब किसी बच्चे को कुछ सिखाना हो तो कहा जाता है कि कम उम्र से ही सिखाना चाहिए तो बच्चा जल्दी सीखता है ।
तो उस कम उम्र के बच्चे के अंदर शुरू से ही सदाचार,सुविचार व अच्छे संस्कार डालने पड़ते हैं । छोटी उम्र से ही बच्चों को यह सब सिखाना व बच्चे की अच्छी तरह देखभाल करना ही परवरिश कहलाता है ।

क्योंकि यह परवरिश ही ऐसी चीज है जो हमें समाज या लोगों के सामने अच्छे या बुरे की पहचान कराती है । और यह परवरिश हमारे पूरे जीवन काल तक साथ चलती है ।

बड़ों से कैसे बात करनी चाहिए,उनका अभिवादन कैसे करें,छोटो से किस तरह पेश आएँ,सामान्य लोगों से कैसे बर्ताव करें । यह सब परवरिश के अंतर्गत आते हैं ।

लड़कों और लड़कियों दोनों के लिए ही शुरू से अच्छी परवरिश करनी जरूरी होती है ।
बड़े होने पर कोई भी गलती हो जाए तो हर कोई परवरिश देने वाले अर्थात माँ-बाप को कोसता है । कि -“यही परवरिश दी है तुम्हारे मां बाप ने ?”
ससुराल में लड़की से कुछ भूल हो जाए तो ससुराल वाले कहने लगते हैं-“यही संस्कार दिए हैं तुम्हारे माँ-बाप ने ?,कैसी परवरिश दी है तुम्हारे मां-बाप ने ?” इत्यादि ।

अत: बच्चे को शुरू से ही अच्छी परवरिश दे उनमें अच्छे संस्कार डालें ताकि भविष्य में खुद की परवरिश पर सवाल ना उठने पाए ।…

@nandini_9569

Second

Tanisha Awaghade

Upbringing

What is Upbringing ?

When someone looking at you says that this is ideal for me, I’m gonna be like him/her, and that’s when you realize that you been given the right upbringing.

Upbringing is not the just way you behave physically in the public or private, but it’s how you have been groomed mentally.

Being physically fit, going to gym daily, eating healthy food, properly behaving in public and private both, isn’t enough to get yourself a healthy lifestyle.

Begin mentally & physically fit is what gonna get you healthy and a respectful lifestyle.

Now lifestyle doesn’t come by birth, but it come on how & what your parents have taught you and that when the initial part of life begins.

◇ Why is upbringing Important ?

Now you won’t like someone calling you in a abusive way and questioning your upbringing, Right ?
Questioning your upbringing is like someone questioning your parents teachings !

◇ What does upbringing involve ?

Upbringing is not a bookish language / study, upbringing includes all the moral values you get from your parents, teaching & behavioral manners

Knowledge of how to talk with younger & elderly people around you, Knowledge of how to present yourself in front of others, Knowledge of how to respect others, Knowledge of how to protect and prevent any future problems, these all things comes form our parents in a form of upbringing,

Upbringing isn’t any 1 year or 5 year course, it takes decades to teach a child since the day they have born until they are matured enough to act as they have been taught.

  • Instagram ID :- @amour_128

Third

Mitu Gojiya

परवरिश शब्द दिखने में बडा आसान लगता है मगर परवरिश करना वो भी अच्छी परवरिश करना आज के समय में बहुत मुश्किल है मगर आज के समय में परवरिश करना बहुत ही जरुरी बन गया है. आज कल के बच्चे कहाँ किसी की सलाह मानते है बच्चों के जन्म के बाद सबसे मुश्किल काम होता है उनकी परवरिश करना बच्चे बडे होने के बाद कैसे होंगे कोई नहीं जानता मगर जब वो बच्चे है तब वो कैसे है ये उनकी परवरिश से पता चलता है जो मा-बाप बच्चों की गलती करने पर उन्हें डाँटा करते है उनकी गलतियों को सुधारने के लिए उन्हें सजा देते है उन्हें हम निर्दय समजते है मगर ये नहीं सोचते की वो अपने बच्चो की परवाह करते है और उन्हें अच्छी परवरिश देना चाहते है इस लिए वो बच्चों के साथ एेसे पेश आते है वो बच्चो को डाँटते है इसका मतलब ये नहीं की वो उनसे प्रेम नहीं करते. कुछ मा-बाप बच्चो के मोह में इतना खो जाते है कि उनकी परवरिश करना ही भूल जाते है. बच्चों की परवरिश ठीक से ना हो पाने का नुकसान सिर्फ मा-बाप को ही नहीं पूरे समाज को भुगतना पडता है. परवरिश का मतलब ये नहीं की आप बच्चों पर हर वक्त गुस्सा करे उन्हें डाँटे बल्कि परवरिश का मतलब ये है की आप उन्हें हर बात की अच्छी समज दे. जब वो कोई गलती करे पहली बार तब उसे प्यार से समजाये जब बच्चे वो गलती बार बार करे आप के समजाने के बाद भी तब मा-बाप की परवरिश जरुरी बनती है. मेरे ख्याल से बच्चों की परवरिश में घर का वातावरण का बहुत महत्व है मा-बाप जैसे बर्ताव करते है बच्चे भी वो ही सब देख कर बडे होते है बच्चों के सामने घर का वातावरण शांतिभरा होगा तो मा-बाप की परवरिश की भी जरुर नहीं रहेगी. @mitu_gojiya

Comments are closed.