“What if I am a Daughter/बेटी हूं तो क्या”– YMPH DAILY CHALLENGE

22/05/2021 की प्रतियोगिता का विषय है “What if I am a Daughter/बेटी हूं तो क्या”। हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है

अगर आप भी एक कवि या कहानीकार है और अपनी रचना को पन्नो पर उतारना चाहते है तो हमारा व्हाट्सएप्प ग्रुप अभी जॉइन कीजिये ।

First

The Unknown Girl

बेटी हूँ तो क्या

नन्ही सी चिरैया को
अब सारा आसमान उड़ने दो
बेटी हूँ तो क्या हुआ
अब मुझे अपना घोंसला बुनने दो,,

इज्जत, मर्यादा के नाम पर
ना जंजीरे पैरों में बंधने दो
बेटी हूँ तो क्या हुआ
आजादी की सासे भरने दो,,

फैसले हो गर मेरी जिंदगी के
तो वो फैसले मुझे करने दो
गर गलत हो तो रोक लेना
पर पहले मुझे गलती तो करने दो,,

बेटा-बेटी बराबर है गर
तो बेटो सा नाम रोशन करने दो
जिंदगी के कुछ पन्नों को
मुझे मेरी कलम से लिखने दो,,

गर हैवान छुपे हैं इस जमाने में
तो मुझे उनसे लड़ने की हिम्मत दो
बेटी हूँ तो क्या हुआ
मुझे छूते ही राख हो जाए ऐसी अग्नि बनने दो…!!

Insta- the_unknowngirl1408

Second

Dr.Major Shital Jindal

WHAT IF I’M A DAUGHTER

“What if I’m a daughter
I’m born with wings
I’m born to spread smiles
Hearty is my laughter
In every soul it rings
Rejuvenating all, even at miles.

What if I’m a daughter
I’m my Dad’s princess
The friend of my Mom
I’m my brother’s partner
In our deeds mischievous
My gaiety rejoices our home.

What if I’m a daughter
When given rights equal
And ample nourishment
I can be future mother
In every field I may excel
Being my own best variant.” ✍️

ID: Shital.jindal

Third

Ruchi Tiwari

परिचय दु मैं अपना क्या
हा हूँ मैं एक बेटी तो क्या,
मै सृजन करती नए दुनिया का
कभी मातृत्व से भरी तो कभी काली का अवतार हूँ
जितना घिषति उतना निखरती हूँ
जीती हूँ सबके लिए सबका खयाल रखती हूँ,
हर रिश्ते का मान रखती हूँ
अब इसे ज्यादा परिचय दु क्या,
हा हूँ मैं एक बेटी तो क्या।

जैसा साचा मिला उसी मे ढल् गई
कभी मोम सि तो कभी आग बन गई,
कभी जलती रही खुद मे तो कभी फूल सि बन गई,
देती हूँ अग्नि परीक्षा तो कभी अविरल गंगा सी बहती हूँ।
हा हूँ मैं एक बेटी तो क्या।

उठा के देखो इतिहास
शान ना कभी झुकने दिया
कभी सीता तो कभी लक्ष्मीबाई कहलाई
कभी काव्यो की शोभा बनी
तो कभी शायरो के मन को भाई
अब इसे ज्यादा क्या
हा हूँ मैं एक बेटी तो क्या।

-ruvikapandey

Special Write-up

Smriti Mishra

🌺बेटी हूँ तो क्या 🌺

ज़िन्दगी की इस होड़ में
ये समझना ज़रूरी है
मै बेटी हूँ तो क्या
मेरा चलना भी ज़रूरी है

बोझ रही माँ-बाप पर
पति पर ना रहूँ ये कोशिश पुरी है
समाज की इन ज़नजीरो में
मेरी ख्वाहिशें ही क्यूँ अधूरी है
मै बेटी हूँ तो क्या
मेरा चलना भी ज़रूरी है

अपनो के ख़ातिर चुप रही
बस यही मेरी मजबूरी है
मै बेटी हूँ तो क्या
अब मेरा कहना भी ज़रूरी है…….

Instagram-mishrasmriti2