16/03/2021 की प्रतियोगिता का विषय है “सवेरे की हवा”। हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है
अगर आप भी एक कवि या कहानीकार है और अपनी रचना को पन्नो पर उतारना चाहते है तो हमारा व्हाट्सएप्प ग्रुप अभी जॉइन कीजिये ।
First
Roshni Tiwari
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सवेरे की हवा एक नया आयाम लाती है…
प्रकृति के सौंदर्य में निखार लाती है
रात की उदासियो को बहा ले जाती है
कुछ नया करने का उत्साह जगाती है
पक्षियों के संगीत का सुर अपने अंदाज में सुनाती है
सवेरे की हवा एक आयाम लाती है…
होठों पे मुस्कान मन में ऊर्जा का संचार ले आती है
आशाओं और उम्मीदों का पैगाम भी लाती है
दिन के आगाज को खुशनुमा बनाती है
ये सवेरे की हवा भी क्या गजब ढाती है
सवेरे की हवा एक नया आयाम लाती है…
Insta I’d – radhikas_16
Second
Savita Sawasiya
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सवेरे की हवा
कुछ कह गई आज मुझसे ,सवेरे की हवा
रंग एक नया दे गई ,सवेरे की हवा…..
फूलों ने ,कलियों ने मिलकर गीत गाया
तितलियों ने भी देखो सुहाना सा एक साज़ सुनाया
भौंरो का गुंजन भी मन को मेरे भाया
उस लम्हे की खूबसूरती को आंखों में मैंने बसाया….
मेरी क़लम पर भी एक ख़ुमार सा है छाया
पिरो कर लफ्जों को मैंने, कविता के रूप में सजाया
मेरे हर शब्द को एक नया आयाम दे गई है, सवेरे की हवा
छूकर मेरे मन को कुछ कह गई है सवेरे की हवा….
Third
Rupam
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“सवेरे की हवा “
तन मन में एक नई चेतना का आगाज करती है ये सवेरी की हवा।
बुझे से मन में एक उम्मीद का दिया जलाती है ये सवेरी की हवा।।
पुरानी सारी बातों को भूल कर एक नई ऊर्जा के साथ।
आगे बढ़ने की राह दिखाती है ये सवेरी की हवा।।
जूझ रही है मानव जाति ना जाने कितने रोगों के साथ आज।।
हमारे शरीर को स्वस्थ और सुंदर बनाती है ये सवेरे की हवा।।
मन जब खोया रहता है प्रीत की गलियों में।
ऐसे में मन को बहुत गुदगुदाती है ये सवेरी की हवा।।
कवि की कविता को सार्थक करती।
उनकी रचनाओं में रंग भरती है ये सवेरी की हवा।।
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