27/09/2023 की प्रतियोगिता का विषय है “Convenience”। हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है
The theme of the competition for 27/09/2023 is “Convenience“. Read the poems of the talented poets associated with us. Love, fear, and darkness are the many meanings that keep the hearts of poets emotional. We respect such sentiments and it is our resolve to make their feelings adept. Every day, we give an opportunity to writers and poets to put their thoughts to pen through the Daily Challenge competition in our WhatsApp group on different Topic. And those who write best. You are reading those article on this page.
Convenience/सहुलियत
सहुलियत
हम अपनी सहुलियत से हर काम करते हैं
हर रिश्ता बनाते और बिगाड़ते हैं
पर कभी क्या सोच पाते हैं
कि अपनी सहुलियत के खातिर
हम कितनों दिलों को तोड जाते हैं,,,,।
कि मां का दिल जो हमेशा टुटता
जिसे जिगर से लगा के बड़ा किया
उसकी एक झलक पाने को
सहुलियत की खातिर ही वो सालों
घर नहीं आता
हां काम तो है कुछ जिम्मेदारियां भी
पर सच कहो शहर का मोह घर आने नहीं देता ना,,,।
अपनी सहुलियत के खातिर लिबास बदल लिया
सहुलियत के खातिर ही हर रिश्ता बदल लिया,,,।
अल्का यादव
Convenience
For the grandparent’s convenience is that her family always unites, never separates.
For a newborn mother, convenience is that her baby becomes healthy.
For a mother, convenience is when her child becomes something good.
For a father, convenience is that her family doesn’t suffer from pain.
For a brother, convenience is that he supports his family.
For a sister, convenience is that she helps her family and makes her name in society.
For me, convenience is that –
To walk on the right path
Think before you speak.
As it is said also- “Do the work with convenience. “
What we dream and want in reality to live a luxurious life is convenience. We want to live by our rules and regulations, but that doesn’t exist.
We want to live in illusions, without accepting the reality of life.
Convenience is what makes you lazy and relaxed.
Before your convenience, see others’ pain in your convenience.
Anushka Pandey
Convenience….
She found it difficult , so she choose something Easier ,
She found it Boring , so she choose something Enjoyable ,
She found it Farther , so she choose something Closer ,
She found it Tiring , so she choose something Energetic ,
She found it Inaccurate , so she choose something Accurately ,
She found it Unlikeable , so she choose something Interesting ,
She found it Realistic , so she choose something Imaginary ,
She found every Option at once in her mind ,
Because Everything Was chosen at Her Own Convenience !!!!
Juhi Pusadkar..
Insta :- feelings_that_expressed
सहूलियत
सहूलियतों के इस दौर में,
ललक पीछे रह गई।
बच्चे के रोने से पहले,
दूध की बोतल पहुंच गई ।
अब रिश्ते भी सहुलियत के हैं,
फ़ुरसत हुई तो बात हो गई ।
अब अच्छे बुरे मे फर्क़ कहा,
सहुलियत सही की पहचान हो गई।
अब तो पांच साल के बच्चे को भी,
फोन चाहिए खुश रहने को,
धूल, मिट्टी, धूप, बारिश
बात पुरानी अब ये हो गई।
ये दोष दौर का नहीं, हमारा है
सहूलियतों का मायाजाल, हमारा है,
जो हलवा माँ घंटों मे बनाती थी,
हमे बाज़ार से लाने की आदत हो गई ।
Nitu singh
Insta id – nitu_singgh
सहूलत न सही ऑफियत ही सही
माश ए जीस्त को मेहनत ही सही
सहल अंगेज़ी के विष्पान से अच्छा
जद्दू जहद की सख्त कसरत ही सही
उम्मीद ए अव्वल तू आखिर भी तू
उजलत ए फ़िक़्र से उज़लत ही सही
वो जो देता है ले लो दोस्त ही तो है
एक बे मायने सी नसीहत ही सही
जिंदगी का नाम दूजा जुस्तुजू ही है
चलो सहूलत से फिर फुर्सत ही सही
…Laique A Ansari…
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