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क्या ये एक तरफा प्यार था दिलीप रॉय द्वारा लिखी हुए कविता को पढ़ें ।
क्या ये एक तरफा प्यार था
क्या ये एक तरफा प्यार था?
मेरे खाना न खाने से उसका भूखे सो जाना
मुझे चोट लगने से उसका रोना
मेरे नहीं सोने से उसका जगना
मेरे गुस्सा रहने से उसका उदास रहना
मेरे मिलने नहीं आने से उसका खुद आ जाना
मेरे व्यस्त रहने से उसका गुस्सा होना
मेरे जुठन को खाके उसका खुश होना
मेरे कुछ नहीं बताने से भी मेरे मन को समझ लेना
मेरी तकलीफों को उसका अपना मानना
मेरे मम्मी पापा को मम्मी पापा कहना
हर काम मुझसे पुछकर करना
मुझसे ज्यादा मेरी फिक्र करना
मेरे भतिजों से कहना कि मुझे चाची बोलो
अपने मेंहदी में हमेशा मेरा नाम लिखना
मेरी चुनी हुई चीजों को लेना उसको पहनना
मेरे शराब पीने से मुझको आखिरी बार की कसम देना
मेरे बिमार होने से उसकी तबीयत बिगड़ जाना
क्या सच में उसको मुझसे प्यार नहीं था?
क्या सच में वो सब झूठ था?
क्या सच में ये एक तरफा प्यार था ?
क्या सच में ये एक तरफा प्यार था….
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