10/06/2021 की प्रतियोगिता का विषय है “A little Decoration/थोड़ी सी आराइश”। हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है
अगर आप भी एक कवि या कहानीकार है और अपनी रचना को पन्नो पर उतारना चाहते है तो हमारा व्हाट्सएप्प ग्रुप अभी जॉइन कीजिये ।
First
Sakshi Tomar
“थोड़ी सी आराइश”
…है ठेस लगी अरमानों पर
सदमे से जरा उबरने दो
खाली है दिल की गहराई
जो जख्म हरे है भरने दो
रोको न अश्क बहाने से
नैनों का झरना झरने दो
दिल मे पड़ी दरारें भरनी है
न रह रह कर इन्हें उभरने दो
है जरा जरा सी बाकी जो
थोड़ी सी आराइश करने दो…!!
Insta id : sakshitomar_17
Second
Anjali Soni
थोड़ी सी आराइश
ख्वाहिशों से भर लिया है मैंने अपना दामन
होठों की मुस्कान और दिल के अरमान काफी हैं,
सँवर गए हैं ज़िंदगी के पन्ने हमसे
बस थोड़ी सी आराइश बाकी है ,
मुसाफिर आए,चले गए पर,सुकून ना मिला
खुद से जब प्यार किया,खुद में ही महबूब मिला,
अब दिल से उलझनो को मिटाकर
खुलकर मुस्कुराने की फरमाइश बाकी है,
सँवर गए हैं ज़िंदगी के पन्ने हमसे
बस थोड़ी सी आराइश बाकी है ।…
@nandini_9569
Third
Sweta Roy
थोड़ी सी आराइश
आज थोड़ी सी आराइश किया
प्रकृति ने फ़िर किया सौलह -श्रृंगार
बारिश की बूंदों की छींटों से
नव-पल्लवित हुआ पूरा संसार
ग्रीष्म ऋतु की तपिश से
झुलस रहे थे हर प्राणी
नव जीवन का संचार हुआ
मानसून के आगमन से
पशु पक्षी जनमानस
सभी के मन में फ़िर से उमंग जगा
बादल के गर्जन और चमक से
हर घर आंगन रौशन हुआ
प्रकृति की थोड़ी सी आराइश
मनलुभावन सा लगे
ताउम्र सिमट जाए यह लम्हा
आज प्रकृति ऐसा श्रृंगार करे।
Insta ID-roys17924
Special Write-up
Mrudul Shukla
थोड़ी सी आराइश
आराइश का यह जमाना है ,
थोड़ी सी आराइश हर जगह है जरूरी ।
बीना आराइश बाजार में कोई चीज,
ना ही दिखती है और ना ही बिकती ।
आकर्षित करती है थोड़ी सी आराइश,
होता है जैसे लड़कियों का शृंगार ।
दूल्हा दुल्हन भी सजते है,
लोगों को आकर्षित करते है ।
आजकल खाने में भी होती है,
थोड़ी सी आराइश चलती है ।
सभी का ध्यान आकर्षित करती है,
भूख उस से बढ़ती है ।
‘मृदुल मन’ के काव्य में भी होती है,
थोड़ी सी आराइश शब्दों की,
तब कुछ अच्छा लिख पाता है,
लोगों को पढने के लिये मजबूर,
ओर आकर्षित कर पाता है ।
Instagram: mrudul_shukla
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