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अंतर्मन – Anatrmann – YMPH DAILY CHALLENGE WINNERS Poetry

आज की प्रतियोगिता का विषय है “अंतर्मन“। जीवन की हर परिस्थिति में कई बार ऐसी स्थिति भी आती है जब हम अपने अंतर्मन को सुनना चाहते है, बातें करते है, और कई बार हम अपने अंतर्मन की बात मान कई निर्णय भी ले लेते है। ऐसे ही अपने अंतर्मन को आज हम लिखने की कोशिश करेंगे। हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है ।

अगर आप भी एक कवि या कहानीकार है और अपनी रचना को पन्नो पर उतारना चाहते है तो हमारा व्हाट्सएप्प ग्रुप अभी जॉइन कीजिये ।

FirstSayed Parvez
SecondDrashti Bhajda
ThirdDilip Roy
Special WriteupShahina Ayaz
YMPH DAILY CHALLENGE के आज के विजेताओं की कविता को पढ़िए ।
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Sayed Parvez Writeup – अंतर्मन

अंतर्मन कुछ द्वंद चल रहा है
कभी इस ओर कभी उस ओर डोल रहा है,
ये कैसी बेचैनी सी है की
हर दिशा में धुंआ ही धुंआ चल रहा है,

कुछ पास थे लोग जो अब दूर हो चुके हैं
के जैसे खामोशी का शोर कानों को छल रहा है ।

हर वक्त उम्मीद जाग-जाग कर टूट जाती है
ना जाने क्या मामला है जो जीवन में चल रहा है ।

ख़ुद से ही लड़-लड़ कर हार रहा हूं मैं
ये कैसा युद्ध है जो मेरे अन्दर चल रहा है।

बहुत गहरी है चोट अपनों की
के आज तक घाव भर रहा है,
अन्तर्मन में कुछ द्वंद चल रहा है
कभी इस ओर कभी उस ओर डोल रहा है ।

Written by – Sayed Parvez

Drashti Bhajda Writeup – अंतर्मन

हमारे मन में अच्छे और बुरे भाव प्रकट होते हैं । भय,ईर्ष्या ,गुस्सा इत्यादि बुरे भाव है ओर प्रेम,सेवा ये अच्छे भाव है। मन की शक्ति का उपयोग कैसे करना है ये हम पर निर्भर करता है ।

अंतर्मन की शक्तियों को जानना बहुत जरूरी होता है। हम क्या करना चाहते है और क्यू करना चाहते है इसका कारण इन शक्तियों के पर होता है। ये मन के भीतर की भाषा है जिसे सिर्फ हमारा अंतर्मन जान सकता है । अंतर्मन की भावना को हमे कैसे काबू में रखना है ये जानना अति आवश्यक होता है।

कभी कभी हमारा मन हमसे कुछ कहता है लेकिन हम सुन नही सकते हैं । हमारे मन को काबू करने से हम सिद्धियों को हासिल कर सकते है । हमारी बुद्धी अंतर्मन से आगे चलती है ,उस शक्ति को पहेचान ने से ,सही फैसला लेने से हम प्रगति की ओर बढ़ सकते हैं।हमारी अंतर्मन की आवाज भी हमे एक सच्ची दिशा निर्देश करती है।

Written by –Drashti Bhadja

Dilip Roy Writeup – अंतर्मन

मेरा अंतर्मन कहता है वो मुझे छोड़ नहीं सकती,
जिसका दिल खुद इक बार टूटा हो वो मेरा दिल तोड़ नहीं सकती,

जिसने मेरे लिए पूरी दुनियाँ से मुँह मोड़ लिया था,
वो शख्स मुझसे मुँह मोड़ नहीं सकती,

जहाँ पूरी दुनियाँ मेरे खिलाफ खड़ी थी वहाँ भी वो मेरे साथ खड़ी थी,
वो शख्स मुझसे दगा कर नहीं सकती,

जो बात बात पर अपनी कसम अपनी दिया करती थी,
वो लड़की मेरा इस्तेमाल कर नहीं सकती,

मेरी माँ को माँ, मेरे पापा को पापा,मेरी बहन को दीदी कहती थी,
वो इंसान धोखेबाज़ निकल नहीं सकती,

उसकी फेसबुक डीपी पर आज भी मेरी पसंद की फोटो है,
जो आजतक फोटो नहीं बदली वो शख्स बदल नहीं सकती,

Written by- 𝘿𝙞𝙡𝙞𝙥 𝙍𝙤𝙮

Shahina Ayaz Special Writeup – अंतर्मन

मन की आवाज़
जब भी तू मुझे खामोश करता था,
मेरे मन की अवाज़ चीख़ उठती है ।
जब भी तू मुझे सताता था,
मेरी खुद्दारी जाग उठती थी ।
जाने किस बात की सजा़ देता था मुझे
सोचकर मेरी नज़रें भर आती थीं ।
जब किसी से तुलना करे जो मेरी
मेरे मन की आवाज़ चीख़ उठती थी ।
तेरे पास तेरे अपनो के लिए वक्त ही वक्त था,
तेरी अपनी होकर भी, तेरे अपनो में नहीं थी ।
अधूरेपन का दर्द तो बरदाश्त कर लिया मैनें
अधूरी कोख का तू आज भी गुनाहगार है ।
अपनी गोद को किस तरह मैं भरती,
अपने हाथों ही कत्ल कर दिया तूने
जब भी तू मुझे खामोश करता था
मेरे मन की आवाज़ चीख़ उठती थी ।

Written by – Shahina Ayaz

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