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Autobiography of a book/YMPH-Daily-Writing-Challenge

19/01/2024 की प्रतियोगिता का विषय है “Autobiography of a book“ हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है

The theme of the competition for 19/01/2024 is Autobiography of a book”. Read the poems of the talented poets associated with us. Love, fear, and darkness are the many meanings that keep the hearts of poets emotional. We respect such sentiments and it is our resolve to make their feelings adept. Every day, we give an opportunity to writers and poets to put their thoughts to pen through the Daily Challenge competition in our WhatsApp group on different Topic. And those who write best. You are reading those article on this page.

Autobiography of a book

Autobiography of a book

किसी की खामोशी मुझमें बयान हुई
कोई जज़्बात मुझसे कहने लगा
पन्ने से पन्ना जुड़ते हुए मैं एक किताब बन गया
कोई मुझसे इतिहास रचा गया
कोई धर्म सीखा गया
किसी ने बताई अपनी जीवन की गलतियां
कोई मुझे अपना दोस्त बता गया
किसी को राह बताता हूं
किसी की तकदीर बन जाता हूं
कई सुनहरे सपने की नई तासीर बन आता हूं
कहीं हाथ में लिया समुंदर हूं
तो किसी की रूह में बस जाता हूं
मैं किताब हूं
हमसफर की तरह मौन रहकर भी सब कुछ बयां कर जाता हूं
तुम्हारा हर पल साथ निभाता हूं
मैं किताब हूं……..

Riya Chandrakar (Rashmi)

एक किताब की आत्मकथा

मैं इक किताब हूँ

गुजरते हर लम्हों को समेटे
कई सवालों को पन्नो पर लपेटे
कभी ज़िन्दगी के फ़लसफ़ों का हिसाब हूँ
मैं इक किताब हूँ

कितने जज्बातों की माला पिरोए
कभी दर्द की स्याह में अल्फाजों को डूबोए
इक शब्द में भी कई अर्थों का लिबास हूं
मैं इक किताब हूँ

कभी होठों पे खिल जाऊं कली जैसे
चेहरे पे मुस्कुराऊं इन्द्रधनुषी रंगो जैसे
कभी इंतज़ार के पलों की आस हूँ
मैं इक किताब हूँ

एक प्रेमी के बाँहों का हार बन
कवि के कविता का सार बन
किसी का निश्चय, किसी का विश्वास हूं
मैं इक किताब हूँ

Saritta Garii
Insta I’d – sariita_writes017

Autobiography of a book

In your bookshelf, a familiar face ,
A traveler through time, a storied case.
Changing hands, a history unfolds,
A life of glory in tales untold.
Saints and hermits held me dear,
Rulers valued, my presence near.
Battles witnessed kingdoms sway,
Records kept, come what may.
From your growth,I have been a part,
Sharing knowledge from the heart.
Generations educated, minds refined,
By letters, words, in my bind.
Alas, my sheen is dimming fast,
As the mobile’s allure is cast.
Feelings stark, like a suicidal tide,
When forsaken for screen worldwide.

Dr. SHUBHA MUKHERJEE

किताबों की आत्मकथा

आत्म से उपजी में सुख दूख का धागा हूं
माटी का मोल कहीं कहीं बलिदान की भाषा हूं
राम का चरित्र हूं कहीं
कहीं महाभारत की लीला हूं
मां का अभिमान हूं कहीं
कहीं योद्धा महान हूं

कहीं अतीत हूं मैं
कहीं आज की छाया हूं
संचय की परिभाषा मैं
कहीं प्रसार की माया हू
ज्ञान हूं कहीं मैं
कहीं संविधान की मर्यादा हूं

प्रेम की रागी कहीं मैं
कहीं खूनी कहानी हूं
प्रेमचंद की गोदान कहीं
कहीं रेणु की मैला आंचल हूं
राणा का बलिदान कहीं
कहीं आजादी की ललकार हूं

खान पान कहीं
कहीं रंगो की ज्ञाता हूं
परंपरा हूं कहीं मैं
कहीं खोती भाषा हूं

खोज हूं कही मै
कहीं मन की अभिलाषा हूं
कहीं लड़ाकू हूं मैं
अधिकारो चाहता हू

कहीं रचना हूं मैं
कहीं सत्य का प्रमाण
कहीं कठोर चट्टान हूं मैं
कहीं करूणा की धार

सिमट नहीं सकता मैं चन्द शब्दों में
क्षेत्र मेरा धरती से आकाश
हर भाव रंग देखा मैंने
इतना है विश्वास

सफलता की कहानी हूं में
हूं सूर्य का प्रकाश
रात का चांद मैं
अमर मेरा आगाज

Rana_rashmi11

Autobiography Of A Book.
I am a book
With pages many
Resting on a shelf
Waiting to be read.
I hold numerous stories , anecdotes ,facts and fictions
In my bosom
For generations to peruse.
I am treated with reverence and respect
As goddess Saraswati”s blessings I reflect.
My pages are assembled
With utmost care
The apparel of knowledge
I always wear .
The more you read
The more refined you become
I am a book
So vocal yet dumb .
Shompa Banerjee

किताब की आत्मकथा

 हां मैं एक किताब हूं,

हर मन में और सबके
जीवन का एक मात्र आधार हूं,
किसी के लिए प्रेरणा तो किसी के लिए व्यापार हुं,

मैं कई कोरे कागजों से बना
एक किताब हूं,
‘कलम से जुड़ी है,मेरी जिंदगी
हर लिखने वाले का सच्चा वफादार हुं,
“हूं, कोरा कागज सा पर कलम से जुड़कर हर स्याही का संसार हूं,
‘एक कठोर परत समा जाती है मुझमें उस परत का अहम हिस्सेदार हूं,

‘ताकत मेरी किताब में,और कल
जीवन के हर एक पन्ने पे मैं ही एक संविधान हूं।

anjuyadav5513

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