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Job/YMPH-Daily-Writing-Challenge

08/10/2023 की प्रतियोगिता का विषय है “Job”। हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है

The theme of the competition for 08/10/2023 is Job“. Read the poems of the talented poets associated with us. Love, fear, and darkness are the many meanings that keep the hearts of poets emotional. We respect such sentiments and it is our resolve to make their feelings adept. Every day, we give an opportunity to writers and poets to put their thoughts to pen through the Daily Challenge competition in our WhatsApp group on different Topic. And those who write best. You are reading those article on this page.

With my heart hammering
against my ribs
I entered the assembly hall for morning prayer
The students were busy singing a hymn
My entry… they didn’t care
Prim and proper in a saree
I smiled nervously at the other teachers
Some smiled back
Some stared back
As if on a jungle safari.
I entered the class alloted to me
Smiled brightly at the students
They wished me in unison
Their faces dubious….in anticipation as to how their new ma’am would be.
Days rolled by and once inside the class
I forgot everything else
My sole purpose was to train the children to give their very best.
Years passed
I became familiar to all
Students and teachers alike
Parents started giving feedback
My confidence soared and spiked.
Years of sincere toil paid off
Came inspection day
I was awarded ‘ The Best Teaching Method ‘ award
The whole staff applauded and again my heart hammered
But in a very different way.
Shompa Banerjee

एक नौकरी ऐसी भी है ,,
जिसकी तनख्वाह कुछ भी नहीं,,
जॉइनिंग होती उम्र भर की,,
लेकिन कहती वह कुछ भी नहीं,,

मौसम हो चाहे सर्दी गर्मी ,,
उसकी ड्यूटी चलती रहनी,,
छुट्टी का कोई नाम ही नहीं,,
पड़ती सब की बातें सहनी,,,

सवाल यह अक्सर पूछा जाता,,
क्या तुमको कोई बिजनेस आता,,
जवाब देती यही सारी लाइफ़,,
कुछ नहीं करती,, मैं हूं हाउसवाइफ,

देकर जवाब चुप हो जाती ,,,
अंदर खामोशी सी भर जाती,,
पल पल व्यस्त होने पर भी,,
खुद मे खालीपन सा पाती ,,।

जिसे स्वयं लिए फुर्सत नहीं,,
भूल गई अपने शौक वो सारे,,
मनपसंद से भी वाक़िफ नहीं,,
परिवार जनों के जीवन संवारे

लोग कहते तुम कुछ नहीं करती ,,?
फिर भी सब कुछ कर जाती है,,
गला घोंट अपने सपनों का
भारत की गृहणी वो कहलाती है,,

पूनम सोनी

नौकरी का तजुर्बा

बाहर निकली तजुर्बा मिला ,
खुद को साबित करने का मौका मिला

भिन्न भिन्न इंसानों से मिले
कुछ सही तो कुछ गलत दिखे
रोज़ नया दिन एक चुनोती लाता,
काम इतना वक़्त का एहसास ना होता.

हर दिन कुछ नया सीखा खुद को काबिल बनाया,
कुछ की ज़िंदगी की कहानियों ने होसला बढ़ाया.

खुद की पहचान मिली नौकरी से
किसी ने सराहा मुझे अपने नाम से
लड़की हूँ तो मुझे भी काम करना है
अपने पैरों पर खुद खड़ा होना है

रोज़ एक नई चुनोती सामने होगी
कुछ सच्चे दोस्तों की दोस्ती मिलेगी
हर दिन काम भी संभालुगी और घर भी
दोनों नौकरीयो को दिल से निभाऊगी.

PAYAL PIDWANI
Insa I’d payal nathani 334

काम की ही कीमत है सहाब,
नहीं तो घर पर रहकर कौन हमें जानता है
सुबह होते ही निकल पड़ते है,
रण मे अपना रथ लिए क्योंकि
वहीं तो हार और जीत का फैसला
हो पाता है
लड़ाई तो रोज अपने आप से है,
खुद को हराकर उस पार
जाना पड़ता है
यही है जीवन की सच्चाई,
जिन्दा है तो हर हाल में संग्राम
में भाग लेना पड़ता है
बुढ़ापे में कौन देगा साथ,
इसलिए जवानी में भागना
पड़ता है
कार्य ही जीवन का लक्ष्य है
इसलिए तो हर पल
जागना पड़ता है
मौत के बाद खुद को अपनों मे
जिन्दा रखने के लिए हर
काम को अंजाम देना
पड़ता है
काम की कीमत है,सहाब
वरना नाम को कौन
जानता है……..

संगीता

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