28/03/2024 की प्रतियोगिता का विषय है “Procrastination” हमसे जुड़े हुए प्रतिभावान कवियों के कविताओं को पढ़िए । प्रेम, डर, और अंधकार ऐसे कई मायने होंगे जो कवियों के दिल को भावुक रखते है । ऐसी भावुकता का हम आदर करते है और उनकी भावनाओं को निपुण बनाना ही संकल्प है हमारा । हम हर रोज किसी न किसी विषय पर अपने व्हाट्सएप्प ग्रुप में Daily Challenge प्रतियोगिता के माध्यम से लेखकों तथा कवियों को उनकी बातों को कलम तक आने का मौका देते है । और जो सबसे अच्छा लिखते हैं । आप उनकी लेख इस पेज पर पढ़ रहे है
The theme of the competition for 28/03/2024 is “Procrastination“. Read the poems of the talented poets associated with us. Love, fear, and darkness are the many meanings that keep the hearts of poets emotional. We respect such sentiments and it is our resolve to make their feelings adept. Every day, we give an opportunity to writers and poets to put their thoughts to pen through the Daily Challenge competition in our WhatsApp group on different Topic. And those who write best. You are reading those article on this page.
Procrastination
विलंब
गर हो रहा सफलता पाने मै विलंब है,
तो समज,
तुं सबसे काबिल है , ये बस प्रारंभ है।
गर कदम डगमगाये, मन मै उलझन है,
तो आंखे खोल,
तुं दायरा तेरा बढा बाहे फैला खडा नभ है।
गर खुद को तोल के लगता है, काबिलियत तेरी कम है।
तो महसुस कर,
तुं चिनगारी खुद की जला उर्जा प्रचंड है।
Dr.Chandni Agravat
Insta id @ chandniagravat
मत टाल सारा काम कल पर
कार्य में तेरे विलंभ होगा
तु वो ज़रुरी काम पूरा नहीं कर
पाया पशचतावा देखो तुझे होगा
इसलिए आज ही कर सारे खत्म
नहीं तो सब पर गुस्सा तुझे आएगा
और तु सबसे पीछे रह जाएगा।
Kadambari gupta
Insta – id , kadambari.gupta
Procrastination
Procrastination a world so grand,
Laze around, no need to take a stand.
Why worry, what’s the rush?
In idle moments, find the hush,
It’s for those who lack ambition’s gleam,
Content to drift, without a dream.
Why chase success, one after another?
I’m content in my procrastination, brother.
While action leads to heights untold,
I’m fine with my pace, so calm and bold.
Let other sprint, I’ll stroll with glee,
In my world of procrastination, I’ll happily be.
Dr. SHUBHA MUKHERJEE
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