Kiran Thakre writer

रिश्तों की राजनीति – YMPH Daily Challenge

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रिश्तों की राजनीति पर लिखी गई कृतियों को आप भी पढ़ें और लेख पसंद आने पर लेखकों को बधाईयां जरूर भेजें ।

रिश्तों की राजनीति

Drashti Bhajda के द्वारा लिखा गया है –

Drashti Bhajda

दुनिया उलझी हुई है इन रिश्तों के नाम पर ।कोई खुशी से अपने रिश्तों के साथ वक़्त बिता लेते है । कोई अपना बन कर अपने पे ही वार किया करते हैं । रिश्ता हो या फिर कोई सरकार चुनाव तो हर जगह होता ही है ,कुछ अपने फैसले से तो कुछ लोगो के ।

बात करे देश की राजनीति की तो उसमें भी उतार चढ़ाव हुवा करते है। कभी ये सरकार चाहिए तो कभी वो , यही सिलसिला सालो से चलता आ रहा है ।कोई उसमे जाख कर नही देखता की उसकी नीव क्या है।जो आने वाली पीढ़ी को काम आ सके । समय के साथ साथ कुछ बदलाव भी जरूरी होता है।चाहे वो देश की राजनीति हो या फिर हमारे रिश्तों की । ऐसा नहीं होता कि जो रिश्ता हम बनाये रखे हैं इतने वक़्त से तो उसमें कोई उतार चढ़ाव न हो। दोनो को ही ये बात समझनी चाहिए कि जिंदगी आज है कल नही। साथ रहेंगे तो भी दिन निकल जाता है और न रहो तो भी वो तो गुजर ही जाता है। तय आपको करना है आपको कैसे रहना है। जरूरी नही राजनीति का मतलब हमारे दिमाग में बिठाया गया है वैसा ही हो। उसको हम अलग नजरिये से भी देख सकते हैं । रिश्तों में आगे बढ़ने के लिए कुछ ऐसा भी करना जरूरी होता है की वो रिश्ता जैसा है वेसा ही रहे । राजनीतिक खेल हम अपने रिश्तों को युही बरकरार रखने के लिए खेल सकते हैं ।

रिश्तों की राजनीति

Kiran Thakre

रिश्तों की राजनीति शीर्षक पर किरण ठाकरे की कविता

अपनो के कर्ज तो चुका दिये किश्तो मे,
पर उन दूरियों को कैसे मिटाये,
जो आ चुकी है रिश्तो मे..

बाप के बनाये घर को ही
भाईयो ने बांट लिया हिस्सो मे,
वो नाते अब गायब से हो गये है,
उनका ज़िक्र होता है अब सिर्फ किस्सो मे..

अब तो समझ नही आता,
किसे सुनाउं अपनी ये आपबीती,
हसता-खेलता घर बिगाड देती है रिश्तो की राजनीति ने..

रिश्तों की राजनीति

Politics in relation

Mrunmayi Dhage

If we look at the scenario of Indian elections, any random person with enough power and money can contest the elections. They just need to be a citizen of the country and be at least 25 years old. There are a few clauses too which are very easy.

The strangest thing is that contesting for elections does not require any minimum education qualification. Thus, we see how so many uneducated and non-deserving candidates get into power and then misuse it endlessly. A country with uneducated ministers cannot develop or even be on the right path.

We need educated ministers badly in the government. They are the ones who can make the country progress as they will handle things better than the illiterate ones. The candidates must be well-qualified in order to take on a big responsibility as running an entire nation.
In short, we need to save our country from corrupt and uneducated politicians who are no less than parasites eating away the development growth of the country and its resources. All of us must unite to break the wheel and work for the prosperous future of our country.